आजु मिथिला नगरिया निहाल सखिया (Aaj Mithila Nagariya Nihar Sakhiya)

आजु मिथिला नगरिया निहाल सखिया,

चारों दुलहा में बड़का कमाल सखिया!


शिश मणी मौरिया, कुण्डल सोहे कनमा,

कारी कारी कजरारी जुलमी नयनमा,


लाल चंदन सोहे इनके भाल सखिया,

चारों दुलहा में बड़का कमाल सखिया!


श्यामल-श्यामल, गोरे- गोरे, जोड़ीया जहान रे,

अँखिया ना देखनी सुनलीं ने कान हे


जुगे जुगे, जीबे जोड़ी बेमिसाल सखिया

चारों दुलहा में बड़का कमाल सखिया!


गगन मगन आजु, मगन धरतिया,

देखि देखि दुलहा जी के, साँवर सुरतिया,


बाल वृद्ध, नर-नारी, सब बेहाल सखिया

चारों दुलहा में बड़का कमाल सखिया!


जेकरा लागी जोगी मुनि, जप तप कईले,

से मोरा मिथिला में पाहुन बन के अईले


आजु लोढ़ा से सेदाई इनके गाल सखिया..

चारों दुलहा में बड़का कमाल सखिया!

........................................................................................................
मासिक जन्माष्टमी पर राशि अनुसार पूजा

हिंदू धर्म में हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का विशेष महत्व होता है। इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप, काल भैरव की पूजा की जाती है और इसे कालाष्टमी के रूप में मनाया जाता है।

मेरे तो आधार हैं, भोलेनाथ के चरणारविन्द(Mere To Aadhar Hai Bholenath Ke Charnarvind)

मेरे तो आधार है,
भोलेनाथ के चरणारविन्द,

मेरी मैया तू एक बार आजा, दर्श दिखा जा(Meri Maiya Tu Ek Baar Aaja Darsh Dikha Jaa)

मेरी मैया तू एक बार आजा,
हाँ दर्श दिखा जा,

कनक भवन दरवाजे पड़े रहो (Kanak Bhawan Darwaje Pade Raho)

प्रभु श्रीसीतारामजी काटो कठिन कलेश
कनक भवन के द्वार पे परयो दीन राजेश

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने