अगर प्यार तेरे से पाया ना होता,
तुझे श्याम अपना बनाया ना होता ॥
ना होती तमन्ना हि, तेरे मिलन की,
अगर मेरे मन को तु, भाया ना होता,
अगर प्यार तेरे से पाया ना होता ॥
लबो पे तेरा ये, तरना ना होता,
अगर तीर दिल से, चलाया ना होता,
अगर प्यार तेरे से पाया ना होता ॥
ना फिरती मैं तेरे, लिए मारि मारि,
अगर तुने खुद ही, रुलाया ना होता,
अगर प्यार तेरे से पाया ना होता ॥
तो मै भी निराशा में, आशा ना रखती,
किसी के लिये गर तु, आया ना होता,
अगर प्यार तेरे से पाया ना होता ॥
ये बेदर्द दुनिया, मुझे कुछ तो कहती,
अगर तुने दिल से, बुलाया ना होता,
अगर प्यार तेरे से पाया ना होता ॥
BhaktiBharat Lyrics
अगर प्यार तेरे से पाया ना होता,
तुझे श्याम अपना बनाया ना होता ॥
करवा चौथ की सबसे प्रसिद्ध कहानी के अनुसार देवी करवा अपने पति के साथ तुंगभद्रा नदी के पास रहा करती थीं। एक दिन करवा के पति नदी में स्नान करने गए तो एक मगरमच्छ ने उनका पैर पकड़ लिया और उन्हें जल में खिंचने लगा
करवा चौथ के एक अन्य कथा के अनुसार एक समय में किसी नगर में एक साहूकार अपनी पत्नी 7 पुत्रों, 7 पुत्रवधुओं तथा एक पुत्री के साथ निवास करता था।
एक समय महाराज युधिष्ठिर ने कहा- “हे जनार्दन मुझपर कृपा करके बताइये कि कार्तिक कृष्ण पक्ष में कौन सी एकादशी होती है? भगवान् श्रीकृष्ण ने कहा “हे राजन् ! कार्तिक मास के कृष्णपक्ष में जो परम कल्याणमयी एकादशी होती है वह 'रमा' के नाम से जानी जाती है।
सुबह जल्दी स्नान करें, घर के मंदिर में नया घी का दीपक जलाकर भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें और गंगाजल से भगवन को स्नान करवाएं।