आ गया फागुन मेला (Aa Gaya Falgun Mela)

बात हमारी बड़े पते की,

गौर होना चाहिये,

आ गया फागुन मेला,

अब तो शोर होना चाहिये,

बात हमारी बड़े पते की ॥


रंग रंगीला फागुन मेला,

सारे खाटू धाम चलो,

सारे खाटू धाम चलो,

लेकर के निशान हाथ में,

तुम बाबा की ओर बढ़ो,

तुम बाबा की ओर बढ़ो,

इस फागुन में हल्ला थोड़ा,

और होना चाहिये,

बात हमारी बड़े पते की,

गौर होना चाहिये,

आ गया फागुण मेला,

अब तो शोर होना चाहिये,

बात हमारी बड़े पते की ॥


खाटू वाला इस मेले में,

सब पे प्यार लुटायेगा,

सब पे प्यार लुटायेगा,

‘शुभम रूपम’ भक्तों के संग में,

वो भी रंग उड़ायेगा,

वो भी रंग उड़ायेगा,

श्याम धणी के जयकारे का,

जोर होना चाहिए,

बात हमारी बड़े पते की,

गौर होना चाहिये,

आ गया फागुण मेला,

अब तो शोर होना चाहिये,

बात हमारी बड़े पते की ॥


बात हमारी बड़े पते की,

गौर होना चाहिये,

आ गया फागुन मेला,

अब तो शोर होना चाहिये,

बात हमारी बड़े पते की ॥


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हर ग्यारस खाटू में अमृत जो बरसता है (Har Gyaras Khatu Me Amrit Jo Barasta Hai)

हर ग्यारस खाटू में,
अमृत जो बरसता है,

कभी दुर्गा बनके, कभी काली बनके (Kabhi Durga Banke Kabhi Kali Banke)

कभी दुर्गा बनके,
कभी काली बनके,

कुंभ संक्रांति शुभ योग

आत्मा के कारक सूर्य देव हर महीने अपना राशि परिवर्तन करते हैं। सूर्य देव के राशि परिवर्तन करने की तिथि पर संक्रांति मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान किया जाता है।

वन में चले रघुराई (Van Me Chale Raghurai )

वन में चले रघुराई,
संग उनके सीता माई,

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