उज्जैनी में बाबा ने ऐसा,
डमरू बजाया,
मैं सुध बुध भूल आया,
कितना प्यारा उज्जैनी,
यहां दरबार सजाया,
मैं सुध बुध भूल आया ॥
सुनाने को बाबा मैं,
ऐसा सुनाऊंगा,
भजनों से भोले मैं जो,
तुमको रिझाऊंगा,
डमरू की धुन में,
बाबा ऐसा नाद बजाया,
मैं सुध बुध भूल आया।
उज्जैनी मे बाबा ने ऐसा,
डमरू बजाया,
मैं सुध बुध भूल आया ॥
करूंगा मैं सेवा तेरी,
चरण पखारूंगा,
नैनो से भोले मैं हाँ,
तुमको निहारूंगा,
‘दीपक दास’ ने,
महाकाल तुम्हारा,
ही गुण गाया,
मैं सुध बुध भूल आया।
उज्जैनी मे बाबा ने ऐसा,
डमरू बजाया,
मैं सुध बुध भूल आया ॥
उज्जैनी में बाबा ने ऐसा,
डमरू बजाया,
मैं सुध बुध भूल आया,
कितना प्यारा उज्जैनी,
यहां दरबार सजाया,
मैं सुध बुध भूल आया ॥
पंचांग के अनुसार पौष माह में साल 2025 की पहली विनायक चतुर्थी 03 जनवरी को मनाई जाएगी। पौष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 03 जनवरी को देर रात 01 बजकर 08 मिनट पर शुरू होगी।
शैव संप्रदाय के 7 प्रमुख अखाड़े हैं। इनमें से ही एक अखाड़ा है 'आनंद अखाड़ा'। इसका पूरा नाम 'श्री तपोनिधि आनंद अखाड़ा पंचायती’ है।
हिंदू कैलेंडर 2025 शुभ मुहूर्त, पर्व-त्योहार, और व्रतों की जानकारी देने वाला विस्तृत पंचांग।
भगवान कार्तिकेय को समर्पित स्कंद षष्ठी का पर्व हर महीने के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। कहते हैं इस तिथि पर भगवान कार्तिकेय का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन को स्कंद षष्ठी के रूप में मनाया जाता है।