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बिगड़ी बनाने वाली, कष्ट मिटाने वाली (Bigdi Banane Wali Kasht Mitane Wali)

बिगड़ी बनाने वाली, कष्ट मिटाने वाली (Bigdi Banane Wali Kasht Mitane Wali)
बिगड़ी बनाने वाली,
कष्ट मिटाने वाली,
दुनिया में जगदंबे माँ,
अपना बनाने वाली,
भाग्य जगाने वाली,
बस एक जगदंबे माँ,
शेरावाली का आज जगराता है,
अम्बे रानी का आज जगराता है ॥

दूर क्यों रहता है,
माँ की शरण आजा,
माँ के दर पर हैं बराबर,
रंक हो या राजा,
बड़ा हो या छोटा,
खरा हो या खोटा,
मैया के दर से वो,
नहीं खाली लौटा,
जो भी श्रद्धा से,
शीश झुकाता है,
आज जगराता है,
शेरावाली का आज जगराता है,
अम्बे रानी का आज जगराता है ॥

मुगल सेना लेकर,
राजा अकबर आया,
माँ की पावन ज्योति,
वो बुझा ना पाया,
मान टूटा अकबर का,
सवाली बन गया दर का,
चूमकर चौखट सेवक,
बना मेरी मां के घर का,
छत्र सोने का,
अकबर चढ़ाता है,
आज जगराता है,
शेरावाली का आज जगराता है,
अम्बे रानी का आज जगराता है ॥

ऐ ‘अंजुम’ दुनिया में,
माँ की क्या शान है,
हो निर्धन या धनवाला,
मिले सब को मान है,
जिसने भी मां को मनाया,
मुंह मांगा उसने पाया,
मैंने किस्मत का ताला,
मां के दर पे खुलवाया,
तभी तो ये ‘लक्खा’,
मां के गुण गाता है,
आज जगराता है,
शेरावाली का आज जगराता है,
अम्बे रानी का आज जगराता है ॥

बिगड़ी बनाने वाली,
कष्ट मिटाने वाली,
दुनिया में जगदंबे माँ,
अपना बनाने वाली,
भाग्य जगाने वाली,
बस एक जगदंबे माँ,
शेरावाली का आज जगराता है,
अम्बे रानी का आज जगराता है ॥
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इन 4 राशियों के लिए खास मार्गशीर्ष पूर्णिमा

साल 2024 की आखिरी पूर्णिमा मार्गशीर्ष पूर्णिमा है, जो 15 दिसंबर को पड़ रही है। यह पूर्णिमा तिथि लक्ष्मीनारायण की पूजा के लिए विशेष रूप से समर्पित है और इसके शुभ प्रभाव से जीवन में सुख-समृद्धि और धन-वैभव की प्राप्ति होती है।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा कब मनाई जा रही

सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है, और मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा तिथि को साल की आखिरी पूर्णिमा तिथि होने के कारण इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।

मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा के दिन करें ये विशेष उपाय

हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। मार्गशीर्ष महीने को भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय महीना माना गया है। ऐसे में इस माह में पड़ने वाली पूर्णिमा का महत्व कई गुना अधिक है। इसे मार्गशीर्ष पूर्णिमा कहा जाता है, जो इस साल 15 दिसंबर को है।

अखुरथ संकष्टी चतुर्थी स्त्रोत

पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है।

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