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बोली गौरी सुनो भोला, बात मेरी ध्यान से सुनलो (Boli Gaura Suno Bhola Baat Meri Dhyan Se Sunlo)

बोली गौरी सुनो भोला, बात मेरी ध्यान से सुनलो  (Boli Gaura Suno Bhola Baat Meri Dhyan Se Sunlo)
बोली गौरी सुनो भोला,
बात मेरी ध्यान से सुनलो,
मुझे या भांग दोनों में,
कोई भी एक तुम चुन लो,
चली मैं जाउंगी,
वरना तुम्हे छोड़ कर,
बोली गौरी सुनों भोला,
बात मेरी ध्यान से सुनलो ॥

जबसे लाये हो तुम,
ब्याह करके मुझे,
मुझसे प्यारी लगे,
भोला भंगिया तुझे,
ना दया है ना,
दिल में तेरे प्यार है,
मेरे अरमानो के,
सारे दीपक बुझे,
तेरे दिल में,
हमारी नहीं है कदर,
बोली गौरी सुनों भोला,
बात मेरी ध्यान से सुनलो ॥

भांग पीने की आदत,
तू ये छोड़ दे,
वरना तू मुझसे,
रिश्ता अभी तोड़ दे,
बन गई मेरी सौतन,
ये भंगिया तेरी,
भांग की मटकी,
भोला अभी फोड़ दे,
घोला भंगिया ने,
जीवन मेरे ज़हर,
बोली गौरी सुनों भोला,
बात मेरी ध्यान से सुनलो ॥

फैसला अब ये भोला,
तेरे हाथ है,
भांग या रहना,
तुमको मेरे साथ है,
दोनों बच्चे सँभालु,
या भंगिया घिसूँ,
ध्यान बच्चों का भी,
न तुम्हे नाथ है,
‘कुंदन’ बिलकुल,
नहीं है हमारी फिकर,
बोली गौरी सुनों भोला,
बात मेरी ध्यान से सुनलो ॥

बोली गौरी सुनो भोला,
बात मेरी ध्यान से सुनलो,
मुझे या भांग दोनों में,
कोई भी एक तुम चुन लो,
चली मैं जाउंगी,
वरना तुम्हे छोड़ कर,
बोली गौरी सुनों भोला,
बात मेरी ध्यान से सुनलो ॥

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महाकुंभ में किसकी की पूजा होती है

सनातन धर्म में कुंभ मेले का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। मान्यता है कि करोड़ों वर्ष पूर्व देवताओं और दानवों के बीच समुद्र मंथन के दौरान जो अमृत कुंभ निकला था, उसके अमृत की कुछ बूंदें पृथ्वी पर गिर गई थीं।

महाकुंभ अक्षयवट पूजा

13 जनवरी 2025 से महाकुंभ की शुरुआत हो रही है। महाकुंभ न केवल भारत में प्रसिद्ध है बल्कि विदेशों में भी इसका आकर्षण देखने को मिलता है। इस बार महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज में हो रहा है।

महाकुंभ स्नान के नियम क्या है

महाकुंभ में शाही स्नान के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है। महाकुंभ में स्नान करने से मृत्यु पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है। शाही स्नान में सबसे पहले साधु-संत स्नान करते हैं उसके बाद ही आम तीर्थयात्री गंगा में डुबकी लगाते हैं।

महाकुंभ 2025 के शुभ संयोग

प्रयागराज में बहुत जल्द महाकुंभ का आगाज होने वाला है। इसकी शुरुआत 13 जनवरी 2025 से होगी वहीं इसका समापन 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन होगा।

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