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उलझ मत दिल बहारो में 2 (Ulajh Mat Dil Bharo Me -2)

उलझ मत दिल बहारो में 2  (Ulajh Mat Dil Bharo Me -2)

उलझ मत दिल बहारो में बहारो का भरोसा क्या,

सहारे छुट जाते है सहरो का बरोसा क्या


तमनाये जो तेरी है फुहारे है वो सवान की,

फुहारे है सुक जाती है फुकारो का भरोसा क्या


उलझ मत दिल बहारो में बहारो का भरोसा क्या,

सहारे छुट जाते है सहरो का बरोसा क्या


दिलासे यो यहाँ के सभी रंगिन नजारे है,

नजारे रूसे जाते है नजारों का भरोसा क्या


उलझ मत दिल बहारो में बहारो का भरोसा क्या,

सहारे छुट जाते है सहरो का बरोसा क्या


इन्ही रंगीन गुबारों पर आरे दिल क्यों फ़िदा होता,

गुबारे फुट जाते है दुबारो का भरोसा क्या


उलझ मत दिल बहारो में बहारो का भरोसा क्या,

सहारे छुट जाते है सहरो का बरोसा क्या


तू हरी का नाम लेकर के किनारों से किनारा कर,

किनारे कूट जाते है किनारों का भरोसा क्या


उलझ मत दिल बहारो में बहारो का भरोसा क्या,

सहारे छुट जाते है सहरो का बरोसा क्या

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भोले बाबा का ये दर (Bhole Baba Ka Ye Dar)

भोले बाबा का ये दर,
भक्तों का बन गया है घर,

भोले बाबा की निकली बारात है (Bhole Baba Ki Nikli Baraat Hai)

भोले बाबा का ये दर,
भक्तों का बन गया है घर,

भोले बाबा ने पकड़ा हाथ (Bhole Baba Ne Pakda Hath)

भोले बाबा ने पकड़ा हाथ,
की रहता हर पल मेरे साथ,

भोले बाबा ने यूँ ही बजाया डमरू (Bhole Baba Ne Yuhi Bajaya Damru)

भोले बाबा ने यूँ ही बजाया डमरू,
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया ॥

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