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यशोदा जायो ललना मैं वेदन में सुन आई (Yashoda Jaayo Lalna Mai Vedan Me Sun Aayi)

यशोदा जायो ललना मैं वेदन में सुन आई  (Yashoda Jaayo Lalna Mai Vedan Me Sun Aayi)

यशोदा जायो ललना,

मैं वेदन में सुन आई,

मैं वेदन में सुन आई,

पुराणन में सुन आई,

यशोदा जायों ललना,

मैं वेदन में सुन आई ॥


मथुरा या ने जन्म लियो है,

मथुरा या ने जन्म लियो है,

गोकुल में झूले पलना,

मैं वेदन में सुन आई,

यशोदा जायों ललना,

मैं वेदन में सुन आई ॥


ले वसुदेव चले गोकुल को,

ले वसुदेव चले गोकुल को,

यमुना ने धोए चरणा,

मैं वेदन में सुन आई,

यशोदा जायों ललना,

मैं वेदन में सुन आई ॥


रत्न जड़ित या को बनो है पालना,

रत्न जड़ित या को बनो है पालना,

रेशम के लागे घूघरा,

मैं वेदन में सुन आई,

यशोदा जायों ललना,

मैं वेदन में सुन आई ॥


चन्द्रसखी भज बाल कृष्ण छवि,

चन्द्रसखी भज बाल कृष्ण छवि,

चिर जीवे तेरो ललना,

मैं वेदन में सुन आई,

यशोदा जायों ललना,

मैं वेदन में सुन आई ॥


यशोदा जायो ललना,

मैं वेदन में सुन आई,

मैं वेदन में सुन आई,

पुराणन में सुन आई,

यशोदा जायों ललना,

मैं वेदन में सुन आई ॥

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संकष्टी चतुर्थी पर इन मंत्रों का करें जाप

संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश का एक महत्वपूर्ण व्रत है। इसे हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है।

वैशाख संकष्ठी चतुर्थी व्रत कथा

वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी का व्रत मनाया जाता है, जिसे हिंदू धर्म में अत्यंत फलदायक माना गया है। यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित है, जो विघ्नहर्ता, बुद्धि के दाता और मंगलकर्ता हैं।

संकष्टी चतुर्थी के उपाय

वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी का व्रत मनाया जाता है, जिसे हिंदू धर्म में अत्यंत फलदायक माना गया है। यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित है, जो विघ्नहर्ता, बुद्धि के दाता और मंगलकर्ता हैं।

अप्रैल 2025 में भानु सप्तमी कब है

हिंदू पंचांग के अनुसार, भानू सप्तमी हर वर्ष कृष्ण पक्ष की सप्तमी को मनाई जाती है और इसे सूर्य सप्तमी भी कहा जाता है। इस दिन भक्त सूर्य देव की उपासना करते हैं।

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