राम नाम जपते रहो,
जब तक घट घट मे प्राण ।
राम भजो, राम रटो,
राम साधो, राम राम ॥
राम की महिमा का,
कोई आर न कोई पार रे ।
लाख जतन किये,
फिर भी न समझ संसार रे ।
राम के चरणों में मिले,
इस जग के सारे धाम ।
राम भजो, राम रटो,
राम साधो, राम राम ॥
तन में, मन में, और हृदय में,
राम का गुणगान हो ।
हर घडी, हर पल, हर क्षण,
राम का ही ध्यान हो ।
राम में ही मग्न रहे,
भक्ति हो सुबह शाम ।
राम भजो, राम रटो,
राम साधो, राम राम ॥
राम नाम जपते रहो,
जब तक घट घट मे प्राण ।
राम भजो, राम रटो,
राम साधो, राम राम ॥
राम भजो, राम रटो,
राम साधो, राम राम ॥
राम भजो, राम रटो,
राम साधो, राम राम ॥
राम भजो, राम रटो,
राम साधो, राम राम ॥
राम भजो, राम रटो,
राम साधो, राम राम ॥
सनातन हिंदू धर्म में विभिन्न त्योहार मनाए जाते हैं। नवरात्रि भी इन्हीं में से एक है। एक साल में 4 बार नवरात्रि मनाई जाती है। इनमें से 2 नवरात्रि प्रत्यक्ष और 2 गुप्त मानी जाती हैं।
माघ और आषाढ़ नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। 2025 की पहली गुप्त नवरात्रि माघ महीने में 30 जनवरी से श्रवण नक्षत्र और जयद योग में प्रारंभ होगी।
हिंदू धर्म में बृहस्पतिवार का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। यह दिन बृहस्पति देव, जो कि ज्ञान, शिक्षा, और बौद्धिकता के देवता हैं, को समर्पित होता है।
सनातन हिंदू धर्म के वैदिक पंचांग के अनुसार, वर्तमान में माघ का पवित्र महीना चल रहा है। इस दौरान पड़ने वाली नवरात्रि को माघ गुप्त नवरात्रि के नाम से जाना जाता है।