अरे रे मेरी जान है राधा (Are Re Meri Jaan Hai Radha)

अरे रे मेरी जान है राधा,

तेरे पे क़ुर्बान मैं राधा,

अरे रे मेरी जान हैं राधा,

तेरे पे क़ुर्बान मैं राधा,

रह न सकूंगा तुमसे दूर मैं,


जब भी बने तू राधा श्याम बनूँगा ,

जब भी बने तू सीता राम बनूँगा,

तेरे बिना आधा सुबह शाम कहूँगा,

आत्मा से राधा-राधा नाम कहूँगा ।


अरे रे मेरी जान है राधा,

तेरे पे क़ुर्बान मैं राधा,

रह न सकूंगा तुमसे दूर मैं ॥


सुन्दर नैन विशाल,

मोहनी सूरत प्यारी हैं,

कितनी ग्वालन गोपियाँ,

तू सबसे न्यारी है,

तुम बिन रास रचाऊ कैसे,

जानत सारी है,

श्याम की दिल की रानी,

तू बरसाने वाली है ॥


अरे रे मेरी जान हैं राधा,

तेरे पे क़ुर्बान मैं राधा,

रह न सकूंगा तुमसे दूर मैं ॥


तेरा ही तो नाम पुकारे,

बंसी भोरी री,

गैया भी पहचाने राधा,

महक टोरी री,

तूने किनी नैनन से,

मेरे मन की चोरी री,

कैसी जोड़ी कृष्ण कारा,

राधा गोरी री ॥


अरे रे मेरी जान है राधा,

तेरे पे क़ुर्बान मैं राधा,

रह न सकूंगा तुमसे दूर मैं ॥


हिचकी आये राधा तेरी,

याद सताती है,

यमुना की लहरों में तेरी,

झलक सी आती हैं,

सज धज के सखियों में तू,

पनघट जाती हैं,

सूखी धरती में भी प्रीत के,

कमल खिलाती हैं ॥


अरे रे मेरी जान है राधा,

तेरे पे क़ुर्बान मैं राधा,

रह न सकूंगा तुमसे दूर मैं ॥


जब भी बने तू राधा श्याम बनूँगा ,

जब भी बने तू सीता राम बनूँगा,

तेरे बिना आधा सुबह शाम कहूँगा,

आत्मा से राधा राधा नाम कहूँगा ।


अरे रे मेरी जान है राधा,

तेरे पे क़ुर्बान मैं राधा,

रह न सकूंगा तुमसे दूर मैं ॥


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सूर्य स्तोत्र

विकर्तनो विवस्वांश्च मार्तण्डो भास्करो रविः।
लोक प्रकाशकः श्री मांल्लोक चक्षुर्मुहेश्वरः ॥ लोकसाक्षी त्रिलोकेशः कर्ता हर्ता तमिस्रहा।

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