बीच भंवर में फसी मेरी नैया,
तुम्ही हो खिवैया माँ,
तुम्ही हो खिवैया ॥
तेरा ही भरोसा माँ,
तेरा ही सहारा,
तुम्ही को पुकारा माँ,
तुम्ही को पुकारा,
तेरे ही भरोसे पे,
चले मेरी नैया,
तुम्ही हो खिवैया माँ,
तुम्ही हो खिवैया ॥
बडी तेज आंधी,
तूफानों ने घेरा,
बता कुन है मेरा माँ,
यहाँ कुन है मेरा,
खड़ी क्या हुई के,
चली आ तू मैया,
तुम्ही हो खिवैया माँ,
तुम्ही हो खिवैया ॥
सुनी जब भगत की,
झट दौड़ी आई,
पतवार हाथों ले,
किनारे लगाई,
बडी ही दयालु है,
‘प्रवीण’ मेरी मैया,
तुम्ही हो खिवैया माँ,
तुम्ही हो खिवैया ॥
बीच भंवर में फसी मेरी नैया,
तुम्ही हो खिवैया माँ,
तुम्ही हो खिवैया ॥
हाजीपुर केलवा महँग भेल हे धनिया
छोड़ी देहु आहे धनि छठी रे वरतिया
इस धरती पर जन्म लिया था दसरथ नंन्दन राम ने,
इस धरती पर गीता गायी यदुकुल-भूषण श्याम ने ।
हमारा प्यारा हिंदुद्वीप, हम हैं इसके प्रहरी और प्रदीप,
अब उठो जगो हे आर्यवीर! उत्ताल प्रचंड समरसिन्धु समीप,
हे हंसवाहिनी ज्ञान दायिनी
अम्ब विमल मति दे