आओ मेरी सखियो मुझे मेहँदी लगा दो (Aao Meri Sakhiyo Mujhe Mehandi Laga Do)

ऐसे वर को क्या वरु,

जो जनमे और मर जाये,

वरीये गिरिधर लाल को,

चुड़लो अमर हो जाये ॥


आओ मेरी सखियो मुझे मेहँदी लगा दो,

मेहँदी लगा दो, मुझे सुन्दर सजा दो,

मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो ॥


सतसंग मे मेरी बात चलायी,

सतगुरु ने मेरी किनी सगाई,

उनको बोला के हथलेवा तो करा दो,

मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो ॥


ऐसी पहनी चूड़ी जो कबहू ना टूटे,

ऐसा वरु दूल्हा जो कबहू ना छूटे,

अटल सुहाग की बिंदिया लगा दो,

मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो ॥


भक्ति का सुरमा मैं आख मे लगाउंगी,

दुनिया से नाता तोड़ मैं उनकी हो जाउंगी,

सतगुरु को बुला के फेरे तो पडवा दो,

मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो ॥


बाँध के घुंघरू मै उनको रीझाऊंगी,

ले के इकतारा मै श्याम-श्याम गाऊँगी,

सतगुरु को बुला के बिदा तो करा दो,

मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो ॥


आओ मेरी सखियों मुझे मेहँदी लगा दो,

मेहँदी लगा दो, मुझे सुन्दर सजा दो,

मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो ॥


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जय अम्बे जगदम्बे मां (Jai Ambe Jagdambe Maa)

जब जब पापी पाप बढ़ाए,धर्म पे ग्रहण लगाए।
त्रिसूलधारी पाप मिटाने, इस धरती पर आए॥

भीष्म अष्टमी की पूजा विधि

सनातन धर्म में भीष्म अष्टमी का विशेष महत्व माना गया है। माघ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को ‘भीष्म अष्टमी’ कहा जाता है।

अम्बे रानी तेरो झूलना रे (Ambe Rani Tero Jhulna Re)

झूला झुलाये रहे वाह रे लंगूरवा।
झूला झुलाये रहे वाह रे लंगूरवा।

परशुराम ने सहस्त्रबाहु का वध क्यों किया था

हिंदू धर्म में भगवान परशुराम महान योद्धा और ऋषियों में से एक माने जाते हैं। वे भगवान विष्णु के छठे अवतार हैं, जिन्हें धर्म की रक्षा और अधर्म के विनाश के लिए जाना जाता है।

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