फूलों से सजाया है,
दरबार मेरी मैया,
बिगड़ी बनाने आजा,
एक बार मेरी मैया ॥
माँ के दरबार में जो,
भक्त सर झुकाते हैं,
वो रोते रोते आते,
हंसते हुए जाते है,
तेरे चरण से जिंदगी,
उजियार मेरी मैया,
बिगडी बनाने आजा,
एक बार मेरी मैया ॥
माँ के दरबार में जो,
सच्चे मन से आते हैं,
मां के दरबार में जो,
हाजिरी लगाते है,
कर दे करम तू मुझ पर,
एक बार मेरी मैया,
बिगडी बनाने आजा,
एक बार मेरी मैया ॥
फूलों से सजाया है,
दरबार मेरी मैया,
बिगड़ी बनाने आजा,
एक बार मेरी मैया ॥
हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व होता है, और चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कामदा एकादशी कहा जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है, तो उस दिन को संक्रांति कहा जाता है। एक वर्ष में कुल 12 संक्रांति होती हैं, लेकिन इन सभी में मेष संक्रांति का विशेष महत्व है।
हिन्दू धर्म में विकट संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश का एक महत्वपूर्ण पर्व होता है, जिसे भक्त भगवान गणेश की कृपा प्राप्ति और सभी विघ्नों के नाश के लिए करते हैं।
विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत के दिन भक्त भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करते है तथा उपवास रखते है। ऐसा कहा जाता है की यह व्रत करने से जीवन की बाधाओं और परेशानियों से मुक्ति मिलती है।