संतान सुख हर विवाहित दंपती का स्वाभाविक अधिकार और आशीर्वाद होता है। कई बार मेडिकल रूप से सब कुछ सामान्य होते हुए भी संतान की प्राप्ति नहीं होती। ऐसे में धार्मिक उपायों और पूजा-पाठ से भी लाभ मिल सकता है। खासकर भगवान शिव की कृपा से यह असंभव भी संभव हो सकता है।
अगर संतान की चाह रखते हैं तो हर सोमवार भगवान शिव के साथ उनके पूरे परिवार—माता पार्वती, गणेश जी और कार्तिकेय जी की पूजा करें। केवल शिवजी की आराधना वैराग्य की ओर ले जाती है, लेकिन शिव परिवार की पूजा सुख-समृद्धि और संतान सुख देती है।
अगर मंदिर जाना संभव न हो तो घर पर ही मिट्टी से छोटा सा शिवलिंग (अंगूठे के पोर से बड़ा न हो) बनाकर गमले में स्थापित करें। शिवलिंग के साथ मिट्टी के गणेश और पार्वती जी भी स्थापित करें। जलाभिषेक करें, बेलपत्र अर्पित करें और अपनी मनोकामना व्यक्त करें।
"देवकीसुत गोविंद वासुदेव जगत्पते।
देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः।।"
इस मंत्र की एक माला का जाप प्रतिदिन करें और माखन-मिश्री का भोग लगाएं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पति-पत्नी अगर साथ में रामेश्वरम की यात्रा करें और सर्प पूजन करवाएं तो पितृदोष दूर होता है और संतान सुख मिलता है। साथ ही रोजाना अपने भोजन का कुछ हिस्सा गाय और बछड़े को खिलाने से भी सकारात्मक परिणाम मिलते हैं।
हे दयामय आप ही संसार के आधार हो।
आप ही करतार हो हम सबके पालनहार हो॥
शिव नाम से है,
जगत में उजाला ।
हे शेरावाली नजर एक कर दो
हे मेहरवाली माँ मेहर एक कर दो,
हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन,
सुन लो मेरी पुकार ।