Logo

शांति पूजा कैसे करें

शांति पूजा कैसे करें

Shanti Puja Vidhi: मानसिक बैचेनी और बाधाओं से मुक्ति के लिए करें शांति पूजा, यहां जानें घर पर पूजा की पूरी विधि 

शांति केवल बाहर के वातावरण में नहीं, हमारे भीतर भी जरूरी है। जब मन अशांत हो, जीवन में बाधाएँ बार-बार आएं या मानसिक बेचैनी बनी रहे। तब शास्त्र हमें एक उपाय बताते हैं: शांति पूजा। यह पूजा न केवल हमारे विचारों को स्थिर करती है, बल्कि जीवन में सौभाग्य, सुख और समृद्धि भी लाती है। यह एक पूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है, जिसे आप घर पर ही सहजता से कर सकते हैं।

क्या है शांति पूजा का महत्व?

शांति पूजा मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक संतुलन के लिए की जाती है। यह देवी-देवताओं की कृपा पाने का मार्ग है, जिससे हमारे जीवन से नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

शांति पूजा के लिए आवश्यक सामग्री

शांति पूजा में उपयोग होने वाली सामग्री पूरी तरह से शुद्ध और पवित्र होनी चाहिए। इसके लिए पूजा स्थल की सफाई सबसे पहले करें। भगवान गणेश, विष्णु और शिव की मूर्ति या तस्वीर आवश्यक है। पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर), फूल, फल, अक्षत (चावल), जल, धूप, दीपक, कपूर, मौली (पवित्र धागा), नारियल, पान के पत्ते, सुपारी, इलायची, लौंग, हवन सामग्री और शुद्ध घी का समावेश करें। ये सभी सामग्री मिलकर पूजा को संपूर्ण और प्रभावशाली बनाती हैं।

घर पर कैसे करें शांति पूजा?

 पूजा से पहले घर के पूजा स्थान की सफाई करें। भगवान गणेश, विष्णु और शिव की प्रतिमा या तस्वीर को चौकी पर स्थापित करें। स्वयं स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें और उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।

संकल्प करें

पूजा से पहले हाथ में जल, फूल और चावल लेकर संकल्प करें — "मैं अमुक स्थान व गोत्र में स्थित अमुक नामधारी व्यक्ति शांति पूजा कर रहा/रही हूँ।"

गणेश पूजन से आरंभ करें

भगवान गणेश को दूर्वा, फूल, चंदन और मिठाई अर्पित करें और उनका आह्वान करें —

 “ॐ गणपतये नमः।”

कलश स्थापना करें

तांबे के कलश में जल भरकर उसमें आम या अशोक के पत्ते डालें। ऊपर नारियल रखें और भगवान के समक्ष स्थापित करें।

पंचामृत स्नान

भगवान की मूर्ति को दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से स्नान कराएं। इसके बाद शुद्ध जल से स्नान कराएं।

शांति पाठ का उच्चारण करें

“ॐ द्यौः शान्तिरन्तरिक्षं शान्तिः...ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥”

यह मंत्र पूरे वातावरण को शांत और सकारात्मक बनाता है।

हवन करें

हवन कुंड में अग्नि प्रज्वलित करें और हवन सामग्री डालते हुए “ॐ अग्नये स्वाहा”, “ॐ सोमाय स्वाहा” जैसे मंत्रों के साथ आहुति दें।

आरती और प्रसाद

कपूर से आरती करें, भगवान को प्रणाम करें और प्रसाद सभी को वितरित करें।

पूजा का समापन

सभी सामग्री समेटकर किसी पवित्र स्थान पर रखें और अंत में भगवान से आशीर्वाद प्राप्त करें।

जरूरी बातें याद रखें

पूरी पूजा श्रद्धा और नियम से करें। हर मंत्र को स्पष्ट और शांत चित्त से उच्चारित करें। पूजा के बाद भगवान का आभार व्यक्त करें।

........................................................................................................
14 July 2025 Rashifal (14 जुलाई 2025 का राशिफल)

हिंदू पंचांग के अनुसार, आज 14 जुलाई को आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के साथ सोमवार का दिन है। इसके साथ ही आज धनिष्ठा नक्षत्र के साथ आयुष्मान् योग का निर्माण हो रहा है। आज सावन का पहला सोमवार भी है।

15 July 2025 Rashifal (15 जुलाई 2025 का राशिफल)

हिंदू पंचांग के अनुसार, आज 15 जुलाई को श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की पञ्चमी तिथि के साथ मंगलवार का दिन है। 15 जुलाई 2025 का राशिफल आपके लिए कुछ खास संकेत लेकर आया है।

सावन का पहला मंगला गौरी व्रत

हिंदू धर्म में सावन मास का अत्यधिक महत्व है, विशेषकर भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना के लिए। इसी क्रम में सावन के मंगलवार को रखा जाने वाला मंगला गौरी व्रत सुहागिन स्त्रियों के लिए अत्यंत पुण्यदायी और शुभफलदायी माना जाता है।

मंगला गौरी व्रत आरती

सावन मास के प्रत्येक मंगलवार को रखा जाने वाला मंगला गौरी व्रत विवाहित महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। यह व्रत देवी पार्वती के गौरी स्वरूप को समर्पित होता है, जो स्त्री जीवन में अखंड सौभाग्य, सुख-शांति और दांपत्य प्रेम की प्रतीक मानी जाती हैं।

HomeBook PoojaBook PoojaTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang