Logo

शनिवार के दिन क्या दान करें

शनिवार के दिन क्या दान करें

Shaniwar Daan: शनिवार के दिन इन चीजों का करें दान, हर क्षेत्र में मिलेगी सफलता, दूर होंगी सभी परेशानियां

हिंदू धर्म में शनिवार का दिन भगवान शनि देव को समर्पित होता है। शनि देव न्याय के देवता माने जाते हैं, जो मनुष्य के कर्मों के अनुसार फल देते हैं। अगर किसी की कुंडली में शनि की दशा या साढ़ेसाती चल रही हो, तो जीवन में कई तरह की परेशानियां आती हैं। ऐसे में शनिवार को कुछ खास चीजों का दान करना न केवल पुण्यदायी होता है बल्कि इससे शनि देव की कृपा भी प्राप्त होती है। आइए जानते हैं शनिवार को क्या-क्या दान करना शुभ माना गया है।

1. काले तिल और काली उड़द

शनिवार को काले तिल और काली उड़द का दान करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। मान्यता है कि यह दान करने से व्यक्ति के ऊपर से शनि का अशुभ प्रभाव कम होता है और जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।

2. काले वस्त्रों का दान

शनिवार के दिन किसी जरूरतमंद को काले रंग के कपड़े दान करना शुभ माना जाता है। इसे शनिदेव प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा बरसती है। खासकर अगर किसी पर साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही हो, तो उसे यह उपाय जरूर करना चाहिए।

3. लोहे से बनी वस्तुएं

लोहे से बनी वस्तुएं जैसे कील, छुरी, लोहे का बर्तन आदि भी शनिवार को दान किए जा सकते हैं। इससे घर में सुख-शांति आती है।

4. सरसों का तेल

शनिवार को सरसों का तेल दान करना भी अत्यंत शुभ माना गया है। आप यह तेल मंदिर में रखी शनिदेव की मूर्ति पर चढ़ा सकते हैं या किसी गरीब या ब्राह्मण को दान में दे सकते हैं। इससे शारीरिक पीड़ा, दरिद्रता और दुर्भाग्य दूर होता है।

5. जूते-चप्पल का दान

पुराने लेकिन साफ-सुथरे जूते-चप्पल शनिवार को गरीबों को दान करें। इससे भी शनि दोष कम होता है और कार्यों में आने वाली रुकावटें दूर होती हैं। साथ ही, इससे नौकरी और व्यापार की समस्या भी दूर होती है।

6. कंबल या ऊनी वस्त्र

सर्दियों में शनिवार के दिन किसी गरीब को कंबल या ऊनी वस्त्र दान करना शनि देव की कृपा प्राप्त करने का एक उत्तम माध्यम है। इससे न केवल शनि की कृपा मिलती है बल्कि पुण्य भी मिलता है।

7. नीले फूल और नीला कपड़ा

अगर आप शनि मंदिर जाते हैं तो नीले फूल और नीला कपड़ा चढ़ाना न भूलें। इससे शनिदेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है और नकारात्मक ऊर्जा से भी छुटकारा मिलता है।

........................................................................................................
परशुराम जयंती 2025 तिथि

परशुराम जयंती, भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। यह पर्व वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को आता है, जिसे अक्षय तृतीया भी कहा जाता है और अक्षय तृतीया के साथ इसका संयोग इस दिन को और भी शुभ बनाता है।

वैशाख अमावस्या पूजा की कथा

हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख माह की अमावस्या तिथि का विशेष धार्मिक महत्व है। यह तिथि पितरों की शांति के लिए विशेष मानी जाती है और इस दिन स्नान, दान, जप, और तर्पण करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।

परशुराम जयंती क्यों मनाई जाती है

परशुराम जयंती सनातन धर्म के एक अत्यंत पावन और महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह पर्व भगवान विष्णु के छठे अवतार, परशुराम जी के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है।

अप्रैल 2025 इष्टि-अन्वाधान

सनातन धर्म के परंपरा में अन्वाधान और इष्टि जैसे पर्व का विशेष महत्व है। ये दोनों वैष्णव संप्रदाय से जुड़े श्रद्धालुओं के अनुष्ठान हैं जो विशेष रूप से अमावस्या, पूर्णिमा और शुभ मुहूर्तों पर किए जाते हैं।

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang