लागी तुम संग यारी,
मेरे बांके बिहारी,
बांके बिहारी, मेरे कुंज बिहारी,
लागीं तुम संग यारी,
मेरे बांके बिहारी ॥
कटी में पीताम्बर,
गले में है माला,
मुकुट को धारण,
किए है गोपाला,
घूंघराली लट कारी कारी,
मेरे बांके बिहारी,
लागीं तुम संग यारी,
मेरे बांके बिहारी ॥
साँवरी सूरत के,
दर्शन तुम्हारे,
मुरली मनोहर,
जबसे निहारे,
बन बैठे तेरे पुजारी,
मेरे बांके बिहारी,
लागीं तुम संग यारी,
मेरे बांके बिहारी ॥
निधिवन में नित,
रास रचावे,
सब सखियाँ मिल,
गीत सुनावे,
नाचे है बारी बारी,
मेरे बांके बिहारी,
लागीं तुम संग यारी,
मेरे बांके बिहारी ॥
श्री हरिदास के,
प्यारे हो तुम,
मेरी भी आँखों के,
तारे हो तुम,
चरण कमल बलिहारी,
मेरे बांके बिहारी,
लागीं तुम संग यारी,
मेरे बांके बिहारी ॥
लागी तुम संग यारी,
मेरे बांके बिहारी,
बांके बिहारी, मेरे कुंज बिहारी,
लागीं तुम संग यारी,
मेरे बांके बिहारी ॥
आज बड़ा ही शुभ दिन,
मंगलाचार सुनाओ रे,
राममन्दिरगीतम्
कोटिकण्ठगीतमिदं राष्ट्रमन्दिरं
पार ना लगोगे श्री राम के बिना,
राम ना मिलेगे हनुमान के बिना।
पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी का व्रत रखा जाता है। सनातन धर्म में एकादशी तिथि का काफ़ी महत्व होता है।