Somwar Daan: हिंदू धर्म में सप्ताह का पहला दिन, यानी सोमवार, भगवान शिव को समर्पित होता है। यह दिन न केवल पूजा-पाठ के लिए विशेष माना जाता है, बल्कि इस दिन दान करना भी बहुत पुण्यकारी और फलदायी होता है। शास्त्रों और धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, सोमवार के दिन कुछ खास चीजों का दान करने से दुख-दरिद्रता दूर होती है, मन शांत रहता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। ऐसे में आइए जानते हैं सोमवार को किन चीजों का दान करना चाहिए और इसका क्या महत्व है।
सोमवार का दिन भगवान शिव का विशेष दिन होता है। मान्यता है कि इस दिन शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र अर्पित करने के साथ-साथ कुछ चीजों का दान करने से भोलेनाथ विशेष कृपा करते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त सोमवार को विधि पूर्वक शिवजी की पूजा और दान करते हैं, उनके जीवन से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मकता का संचार होता है।
1. सफेद चीजों का दान
सोमवार को सफेद वस्त्र, सफेद चावल, दूध, मिश्री, दही जैसी चीजें दान करना बहुत शुभ माना जाता है। सफेद रंग शांति और पवित्रता का प्रतीक है। इससे मानसिक तनाव कम होता है और मन को शांति मिलती है।
2. चांदी का दान
अगर आपकी आर्थिक स्थिति ठीक है, तो सोमवार के दिन चांदी का छोटा टुकड़ा, चांदी का सिक्का या चांदी का कोई आभूषण दान करना शुभ रहता है। चांदी चंद्रमा से संबंधित धातु है और चंद्रमा मन का कारक होता है। इससे मन मजबूत होता है और सोच सकारात्मक बनती है।
3. जल का दान
गर्मी के मौसम में प्यासे लोगों को पानी पिलाना सबसे बड़ा पुण्य है। आप सोमवार के दिन सड़क किनारे प्याऊ लगवा सकते हैं या किसी प्यासे को शीतल जल पिलाएं। इससे पितृ दोष भी कम होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है।
4. दूध और चावल का दान
सोमवार के दिन दूध और चावल का दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इससे पारिवारिक जीवन में सुख-शांति आती है और भगवान शिव की कृपा बनी रहती है।
5. गरीब ब्राह्मण को वस्त्र दान करें
किसी जरूरतमंद या ब्राह्मण को सफेद वस्त्र दान करना सोमवार के दिन अत्यंत फलदायी माना गया है। इससे पितरों का आशीर्वाद मिलता है और कुल की उन्नति होती है।
ऐसा माना जाता है कि सोमवार के दिन किए गए दान से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति में सुधार आता है। शारीरिक और मानसिक कष्ट कम होते हैं। नौकरी और व्यापार में तरक्की होती है। साथ ही, दाम्पत्य जीवन में मधुरता आती है और शत्रुओं से रक्षा होती है।
वैशेषिक दर्शन शास्त्रों में चतुर्थ नंबर का स्थान रखता है, इस शास्त्र की रचना महर्षि कणाद द्वारा की गई है।
वेदान्त शास्त्र को महर्षि वेदव्यास द्वारा रचा गया है। इस शास्त्र में महर्षि वेदव्यास ने ब्रह्मासूत्र को मूल ग्रंथ माना है।
जैमिनी ऋषि द्वारा रचित मीमांसा शास्त्र में वैदिक यज्ञों में प्रयुक्त होने वाले मंत्रों के विभाग और यज्ञ प्रक्रिया का वर्णन किया गया है।
भारत में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग हैं। इन सब में सबसे पहला नाम है गुजरात राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र के वेरावल बंदरगाह में स्थित सोमनाथ ज्योतिर्लिंग का।