नवीनतम लेख

दुर्गाष्टमी में क्या करें और क्या नहीं

दुर्गाष्टमी के दिन क्या करें और क्या नहीं, जानें पूजा का सही नियम


मासिक दुर्गाष्टमी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है जिसे हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन मां दुर्गा की आराधना और व्रत के लिए शुभ माना जाता है। मार्गशीर्ष दुर्गाष्टमी 2024 में 8 दिसंबर, रविवार को मनाई जाएगी। इस दिन मां दुर्गा की पूजा करते समय सही नियमों का पालन करना आवश्यक होता है। मान्यता है कि इन नियमों का पालन करने से मां दुर्गा की कृपा से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। आइए जानते हैं कि दुर्गाष्टमी के दिन क्या करें और किन कार्यों से बचें।


दुर्गाष्टमी के दिन क्या करें?


  1. स्नान और शुद्धि: दुर्गाष्टमी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें। पूजा के लिए स्वच्छ कपड़े पहनें और मन को शांत एवं सकारात्मक रखें।
  2. मां दुर्गा का पूजन: मां दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर के समक्ष दीपक जलाएं, पुष्प अर्पित करें और विशेष दुर्गा मंत्रों का जाप करें।
  3.  मंत्र जाप: दुर्गाष्टमी पर इन मंत्रों का जाप विशेष फलदायी होता है।

    - ॐ दुं दुर्गायै नमः (मूल मंत्र)
    - ॐ श्रीं ह्लीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे (बीज मंत्र)
    - ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्रि स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते॥ (ध्यान मंत्र)
  4. व्रत रखें: दुर्गाष्टमी के दिन व्रत रखने से व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक शुद्धि प्राप्त होती है। व्रत के दौरान फलाहार करें और सात्विक भोजन ग्रहण करें।
  5. दुर्गा सप्तशती का पाठ: इस दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह पाठ नकारात्मकता को दूर करता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
  6. दान-पुण्य करें: दुर्गाष्टमी के दिन गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, या धन का दान करना शुभ होता है।


दुर्गाष्टमी के दिन क्या ना करें?


  1. क्रोध और अशुद्ध वाणी से बचें: इस दिन किसी पर क्रोध करना या अपशब्द बोलना निषिद्ध है। इससे पूजा का फल नहीं मिलता।
  2. अहिंसा का पालन करें: दुर्गाष्टमी पर किसी भी प्रकार की हिंसा से बचना चाहिए। मांसाहार का सेवन और शराब का परहेज करें।
  3. अस्वच्छता से बचें: पूजा के समय और दिनभर स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। पूजा स्थल को गंदा न करें।
  4. दुर्गाष्टमी के नियमों की अनदेखी न करें: पूजा विधि में लापरवाही न बरतें। नियमों का पालन न करने से पूजा अधूरी मानी जाती है।


दुर्गाष्टमी के दिन क्या करें?


  1. पूजा के दौरान शांत और एकाग्र चित्त रखें।
  2. मंत्र जाप के समय आसन पर बैठें और तुलसी या रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करें।
  3. मां दुर्गा से सच्चे मन से प्रार्थना करें।
  4. मासिक दुर्गाष्टमी के दिन सही नियमों का पालन कर मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करें और अपने जीवन को सुख, शांति, और समृद्धि से भरपूर बनाएं।


दुर्गाष्टमी पूजा का महत्व


मासिक दुर्गाष्टमी पर मां दुर्गा की पूजा से भय, कष्ट, और नकारात्मकता का नाश होता है। यह दिन साधना, आत्मिक शुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति के लिए विशेष होता है। दुर्गाष्टमी पर किए गए व्रत और दान-पुण्य से न केवल भौतिक सुख-समृद्धि मिलती है। बल्कि, आध्यात्मिक शांति भी प्राप्त होती है।


मैं नहीं, मेरा नहीं, यह तन - भजन (Main Nahi Mera Nahi Ye Tan)

मैं कितना अधम हूँ,
ये तुम ही जानो,

मैं भोला पर्वत का - शिव भजन (Main Bhola Parvat Ka)

मैं भोला पर्वत का
रै तू राणी महला की

बजरंगी तेरा सोटा कमाल (Bajrangi Tera Sota Kamal)

बजरंगी तेरा सोटा कमाल,
मचाई जग में बाबा धमाल,

आरती अहोई माता जी की (Aarti Ahoi Mata Ji Ki)

जय अहोई माता, जय अहोई माता।
तुमको निसदिन ध्यावत, हर विष्णु विधाता॥

यह भी जाने