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महातारा जयंती कब है?

Mahatara Jayanti 2025: अप्रैल माह में कब है महातारा जयंती, नोट करें सही डेट एवं शुभ मुहूर्त

हिंदू धर्म में माता महातारा को आदि शक्ति का एक दिव्य और शक्तिशाली रूप माना जाता है। दस महाविद्याओं में से एक, महातारा देवी को ज्ञान, सिद्धि और सुरक्षा प्रदान करने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है। महातारा जयंती का पर्व श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इस दिन विधि पूर्वक देवी की आराधना करने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। वर्ष 2025 में यह जयंती 06 अप्रैल, रविवार को मनाई जाएगी, जो भक्तों के लिए अत्यंत शुभ मानी जा रही है।

महातारा जयंती 2025 कब है?

महातारा जयंती हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है। 2025 में यह शुभ पर्व 06 अप्रैल, रविवार को पड़ रहा है।
  • नवमी तिथि प्रारंभ: 05 अप्रैल 2025, शनिवार को रात्रि 07:26 बजे
  • नवमी तिथि समाप्त: 06 अप्रैल 2025, रविवार को सायं 07:22 बजे
  • इस दिन राम नवमी भी मनाई जाएगी, जिससे इसका धार्मिक महत्व और बढ़ जाता है।
  • देवी महातारा की उपासना से भक्तों को संकटों से मुक्ति, ज्ञान और शक्ति की प्राप्ति होती है।

महातारा जयंती की पूजा विधि

महातारा जयंती पर देवी की पूजा विशेष रूप से की जाती है। इस दिन निम्नलिखित विधियों का पालन किया जाता है:
  • ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • माता महातारा की मूर्ति या चित्र को स्नान कराएं और उन्हें लाल या पीले वस्त्र पहनाएं।
  • पूजा स्थल को साफ करें और वहां दीपक प्रज्वलित करें।
  • देवी को कुमकुम, अक्षत, लाल फूल, फल और मिठाई अर्पित करें।
  • महातारा देवी के मंत्रों का जाप करें और भजन-कीर्तन करें।
  • तंत्र-साधना करने वाले साधक विशेष अनुष्ठान करते हैं और माता से सिद्धियों की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।
  • इस दिन व्रत रखने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। भक्त फलाहार कर सकते हैं।
  • पूजा के बाद भक्तों के बीच प्रसाद वितरित करें और जरूरतमंदों की सहायता करें।

महातारा जयंती का महत्व

महातारा देवी को ज्ञान, शक्ति और रक्षा की देवी माना जाता है। उनके भक्तों को कई लाभ प्राप्त होते हैं,देवी महातारा तंत्र-साधकों की अधिष्ठात्री देवी हैं, जो सिद्धियों की प्राप्ति में सहायक होती हैं। जो भक्त सच्चे मन से पूजा करते हैं, उन्हें सुख, सौभाग्य और अकाट्य ज्ञान प्राप्त होता है। माता महातारा की कृपा से शत्रुओं से रक्षा होती है और मोक्ष की प्राप्ति संभव होती है। इस दिन विशेष अनुष्ठान, हवन और मंत्र जाप करने से जीवन में शांति और सकारात्मक ऊर्जा आती है। देवी महातारा भय और अवरोधों को दूर करने वाली देवी मानी जाती हैं।
महातारा संप्रदाय और इस दिन के विशेष आयोजन
महातारा जयंती के अवसर पर विभिन्न धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। मंदिरों में विशेष आरती और हवन का आयोजन किया जाता है। भक्त देवी महातारा के जीवन और उनकी कृपा के अनुभवों को साझा करते हैं। सत्संग और भजन-कीर्तन के माध्यम से देवी का गुणगान किया जाता है। जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और दान दिया जाता है। तंत्र-साधकों द्वारा विशेष पूजा और मंत्र साधना की जाती है।

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