नरसिंह जयंती पर करें इन मंत्रों का जाप, दुख और दरिद्रता से मिलेगी मुक्ति
नरसिंह जयंती का पर्व भगवान विष्णु के चौथे अवतार, श्री नृसिंह भगवान के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस साल नृसिंह जयंती 12 मई को मनाई जाएगी। इस दिन विशेष पूजा, व्रत और मंत्र जाप का अत्यंत महत्व है। ऐसा माना जाता है कि भगवान नृसिंह के मंत्रों का जाप करने से जीवन में सभी तरह के दुख, पीड़ा और कष्टों का अंत होता है।
हिरण्यकश्यप का वध करने भगवान विष्णु ने लिया था नरसिंह अवतार
श्रीमद्भागवत पुराण के अनुसार, भगवान नृसिंह ने हिरण्यकश्यप जैसे अत्याचारी राक्षस का अंत कर अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा की थी। वे आधे सिंह और आधे मानव के रूप में प्रकट हुए थे। उनका रूप भक्तों को यह विश्वास दिलाता है कि जब अन्याय अपनी सीमा लांघता है, तो स्वयं भगवान अधर्म का विनाश करने प्रकट होते हैं।
भगवान नरसिंह के कुछ विशेष मंत्र
- ‘ॐ उग्र नृसिंहाय विद्महे, वज्र-नखाय धीमहि। तन्नो नृसिंहः प्रचोदयात्।’ नृसिंह गायत्री मंत्र अत्यंत शक्तिशाली माना जाता है और आत्मरक्षा तथा भय से मुक्ति के लिए इसका जाप किया जाता है।
- “ॐ नमो नृसिंहाय, ॐ नमो भगवते सुदर्शन नृसिंहाय, ॐ नमो भगवते तुभ्यं पुरुषाय महात्मने, ॐ उग्रं उग्रं महाविष्णुं सकलाधारं सर्वतोमुखम्” बीज मंत्र नृसिंह भगवान की शक्तियों का आह्वान करते हैं और भय, क्रोध, रोग, और बाधाओं से मुक्ति दिलाते हैं।
- ‘ॐ क्रोध नरसिंहाय नृम नम:’ क्रोध मंत्र का जाप उन परिस्थितियों में किया जाता है जहां जीवन में अत्यधिक विपरीत परिस्थितियाँ हों और क्रोध तथा अन्य विकारों से मुक्ति की आवश्यकता हो।
- ‘ध्याये न्नृसिंहं तरुणार्कनेत्रं सिताम्बुजातं ज्वलिताग्रिवक्त्रम्। अनादिमध्यान्तमजं पुराणं परात्परेशं जगतां निधानम्॥’ यह ध्यान मंत्र नृसिंह भगवान के दिव्य रूप का ध्यान करने के लिए है। इससे मानसिक स्थिरता और आत्मिक शांति प्राप्त होती है।
- ‘ॐ उग्रवीरं महाविष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखम्। नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्युमृत्युं नमाम्यहम्॥’ यह मृत्यु नाशक मंत्र विशेष रूप से मृत्यु भय और गंभीर रोगों से मुक्ति के लिए प्रभावशाली माना जाता है।
भगवान नरसिंह के मंत्रों से प्राप्त होती है मन की शांति
नरसिंह मंत्रों के जाप से मानसिक तनाव, भय, बाधाएं और जीवन की परेशानियाँ दूर होती हैं। साथ ही, भक्तों को भगवान नरसिंह की कृपा से सुख, शांति, समृद्धि और आत्मबल की प्राप्ति होती है।