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पापमोचनी एकादशी भगवान विष्णु की पूजा को समर्पित है जो चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। यह उपवास सभी पापों से छुटकारा पाने और मोक्ष प्राप्त करने के लिये रखा जाता है। धार्मिक ग्रंथों में इस दिन तुलसी पूजन का पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, एकादशी पर भगवान विष्णु के साथ-साथ मां तुलसी की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए, जिससे भक्त को इस व्रत का दोगुना फल मिलता है।
मां तुलसी को भगवान विष्णु की प्रिय भक्त और पत्नी के रूप में पूजा जाता है। शास्त्रों के अनुसार, भगवान विष्णु की पूजा तुलसी पूजन के बिना अधूरी मानी जाती है। साथ ही तुलसी माता को धर्म, शुद्धता और मोक्ष का प्रतीक माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, तुलसी पूजा करने से मनुष्य के समस्त पाप नष्ट हो जाते है, और मोक्ष की प्राप्ति होती है। पापमोचनी एकादशी का उद्देश्य भी पापों का नाश और आत्मा की शुद्धि करना है, इसलिए इस दिन देवी तुलसी की पूजा करना बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है।
पापमोचनी एकादशी व्रत पर तुलसी पूजन से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है, और घर में सुख-शांति का माहौल बना रहता है। व्रत का फल कई गुना अधिक हो जाता है, जिससे पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति आसान हो जाती है।