नवीनतम लेख

षटतिला एकादशी मंत्र

Shattila Ekadashi 2025: षटतिला एकादशी के दिन इन मंत्रों के जाप करें, मनचाही मनोकामनाएं होंगी पूरी


सनातन धर्म में एकादशी तिथि का काफी महत्व है। माघ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी के कहते हैं। इस बार यह व्रत 25 जनवरी को है। इस विशेष अवसर पर  भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा और व्रत करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन कुछ विशेष मंत्रों के जाप से साधक को जीवन के दुख और संकट से छुटकारा मिलता है और शुभ फल की प्राप्ति होती है। तो आइए, इस आर्टिकल में षटतिला एकादशी के दिन जाप किए जाने वाले विशेष मंत्रों के बारे में विस्तार से जानते हैं। 


मंत्र से पूर्ण होती है मनचाही मनोकामना 


बता दें कि षटतिला एकादशी के दिन शास्त्रों में भगवान विष्णु को समर्पित कुछ विशेष मंत्रों के जाप का वर्णन किया गया है। इनका उच्चारण पूजा के दौरान करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा भी प्राप्त होती है। साथ ही साधक की मनचाही मनोकामनाएं भी पूरी होती है। षटतिला एकादशी के वे मंत्र इस प्रकार हैं। 


षटतिला एकादशी व्रत के मंत्र


  1. श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
  2. ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
  3. ॐ विष्णवे नम: नारायणयेति समर्पयेत्तत् ॥
  4. शांता कारम भुजङ्ग शयनम पद्म नाभं सुरेशम। विश्वाधारं गगनसद्र्श्यं मेघवर्णम शुभांगम। लक्ष्मी कान्तं कमल नयनम योगिभिर्ध्यान नग्म्य्म।
  5. धन-समृद्धि मंत्र: ॐ भूरिदा भूरि देहिनो , मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि । ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि ।
  6. लक्ष्मी विनायक मंत्र: दन्ता भये चक्र दरो दधानं, कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्। धृता ब्जया लिंगितमब्धि पुत्रया, लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।
  7. विष्णु के पंचरूप मंत्र: ॐ अं वासुदेवाय नम:।। ॐ आं संकर्षणाय नम:।। ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:।। ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:।। ॐ नारायणाय नम:।। ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।
  8. कायेन वाचा मनसेन्द्रियैर्वा। बुद्ध्यात्मना वा प्रकृतिस्वभावात् । करोमि यद्यत्सकलं परस्मै । नारायणयेति समर्पयामि ॥ कायेन वाचा मनसेन्द्रियैर्वा बुद्ध्यात्मना वानुसृतस्वभावात्। करोति यद्यत्सकलं परस्मै नारायणयेति समर्पयेत्तत् ॥
  9. ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये: अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप श्री धनवंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः॥ 


कब है षटतिला एकादशी व्रत?


वैदिक पंचांग के मुताबिक, इस बार माघ माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का आरंभ 24 जनवरी 2025 को शाम 7 बजकर 25 मिनट पर हो रहा है, जिसका समापन अगले दिन 25 जनवरी 2025 को रात 8 बजकर 31 मिनट पर होगा। उदयातिथि के आधार पर साल 2025 में 25 जनवरी को षटतिला एकादशी का व्रत रखा जाएगा। 


षटतिला एकादशी का शुभ मुहूर्त  


एकादशी के व्रत का पारण 26 जनवरी 2025 को प्रात: काल 7 बजकर 12 मिनट से सुबह 9 बजकर 21 मिनट के बीच करना शुभ रहेगा। इस दिन सूर्योदय- सुबह 7:13 मिनट पर होगा। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त- प्रात: काल में 05:36 से लेकर 06:24 मिनट तक रहेगा। वहीं, अभिजीत मुहूर्त- दोपहर में 12:17 से लेकर 01:00 बजे सुबह तक रहेगा।   


प्रदोष व्रत क्यों रखा जाता है?

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। दरअसल, यह व्रत देवाधिदेव महादेव शिव को ही समर्पित है। प्रदोष व्रत हर माह में दो बार, शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है।

होली खेल रहे बांकेबिहारी आज रंग बरस रहा(Holi Khel Rahe Banke Bihari Aaj Rang Baras Raha)

होली खेल रहे बांकेबिहारी आज रंग बरस रहा
और झूम रही दुनिया सारी,

लागी लागी है लगन म्हाने श्याम नाम की (Lagi Lagi Hai Lagan Mahne Shyam Naam Ki)

लागी लागी है लगन,
म्हाने श्याम नाम की,

छोटी होली पर करें ये उपाय

फागुन मास की पूर्णिमा के दिन छोटी होली मनाई जाती है। इस साल छोटी होली 13 मार्च को मनाई जाएगी और ये मौका अपने घर में खुशहाली लाने का सबसे अच्छा समय है।

यह भी जाने