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ये मेरी अर्जी है: भजन (Ye Meri Arzi Hai)

ये मेरी अर्जी है,

मै वैसी बन जाऊँ,

जो तेरी मर्जी है ॥


दोहा – मैंने कब कहा,

की मुझे दुनिया का माल दे,

लगी है फास दिल में निकाल दे

मुझ गरीब का तो श्याम,

इतना सवाल है,

जो कुछ समझ में आए,

मेरी झोली में डाल दे ॥


लफ्जो का टोटा है,

लफ्जो का टोटा है,

जिक्र प्यारे का,

अश्को से होता है,

ये मेरी अर्जी हैं,

मै वैसी बन जाऊँ,

जो तेरी मर्जी है ॥


छम छम छम बारिश है,

छम छम छम बारिश है,

माहि घर आजा,

हर बून्द सिफारिश है,

ये मेरी अर्जी हैं,

मै वैसी बन जाऊँ,

जो तेरी मर्जी है ॥


वो इतना प्यारा है,

वो इतना प्यारा है,

चाँद कहे उससे,

तू चाँद हमारा है,

ये मेरी अर्जी हैं,

मै वैसी बन जाऊँ,

जो तेरी मर्जी है ॥


जग रोक ना पाएगा,

जग रोक ना पाएगा,

मीरा नाचेगी,

जब श्याम बुलाएगा,

ये मेरी अर्जी हैं,

मै वैसी बन जाऊँ,

जो तेरी मर्जी है ॥


मेरा माहि गबरू है,

मेरा माहि गबरू है,

उसकी खुशबु से,

खुशबु में खुशबु है,

ये मेरी अर्जी हैं,

मै वैसी बन जाऊँ,

जो तेरी मर्जी है ॥


ये मेरी अर्जी है,

मै वैसी बन जाऊँ,

जो तेरी मर्जी है ॥

मेरो खोय गयो बाजूबंद (Mero Khoy Gayo Bajuband)

उधम ऐसो मच्यो बृज में,
सब केसर उमंग मन सींचे,

मैं तो शिव की पुजारन बनूँगी (Main To Shiv Ki Pujaran Banugi)

मैं तो शिव की पुजारन बनूँगी,
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माघ महीने में कब और क्यों मनाई जाती है कुंभ संक्रांति?

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सबके दिल में, श्याम की तस्वीर है (Sabke Dil Mein, Shyam Ki Tasveer Hai)

सबके दिल में,
श्याम की तस्वीर है,