नवीनतम लेख

राम नवमी 2025 तिथि और मुहूर्त

Ram Navami 2025: 5 या 6 अप्रैल, राम नवमी कब है, जानें सही तिथि और शुभ मुहूर्त

राम नवमी हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण और विशेष पर्व है। यह पर्व हर वर्ष चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। आपको बता दें कि भगवान श्रीराम अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौशल्या के पुत्र के रूप में अवतार लेकर पृथ्वी पर आए थे। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि इस वर्ष राम नवमी का त्योहार कब मनाया जाएगा। साथ ही इसकी जानकारी भी देंगे कि इस दिन पूजा-अर्चना के लिए सही तारीख और मुहूर्त क्या है। 

कब मनाया जाएगा राम नवमी का त्योहार? 

आपको बता दें कि आमतौर पर कभी मार्च महीने में तो कभी अप्रैल महीने में राम नवमी का पर्व आता है। इसी कारण इस वर्ष लोगों के बीच राम नवमी पर्व की तारीख को लेकर श्रद्धालुओं के बीच कंफ्यूजन हो गया है। कई लोग मान रहे हैं कि राम नवमी का त्योहार 5 अप्रैल को मनाया जाएगा तो कई लोग यह कह रहे हैं कि इस वर्ष यह त्योहार 6 अप्रैल को मनाया जाएगा।  

क्यों मनाते हैं यह पर्व? 

दरअसल, हिन्दू धर्म में इस पर्व को अत्यंत महत्वपूर्ण और शुभ माना जाता है। यह दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जन्मोत्सव का दिवस है। भगवान राम को धर्म, न्याय, मर्यादा और सत्य का प्रतीक माना जाता है। साथ ही इन्हें भगवान विष्णु का सातवाँ अवतार भी माना जाता है। राम नवमी का पर्व चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन कौशल्या माता ने अपने कोख से प्रभु श्रीराम को जन्म दिया था। 

इस दिन मनाया जाएगा त्योहार 

इस वर्ष राम नवमी का त्योहार 6 अप्रैल को मनाया जायेगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 5 अप्रैल को सायं 7 बजकर 26 मिनट पर शुरू हो रही है, जो अगले दिन यानी 6 अप्रैल को सायं 7 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगी। आपको बता दें कि हिन्दू धर्म में उदयातिथि मान्य होती है और यही कारण है कि राम नवमी 6 अप्रैल को मनाई जाएगी। 

राम नवमी शुभ मुहूर्त 2025 

वहीं, अगर 6 अप्रैल को भगवान श्रीराम के पूजा-अर्चना की शुभ मुहूर्त की बात करें तो शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 8 मिनट से दोपहर 1 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। इस बीच श्रद्धालु पूरे विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना कर सकते हैं। अगर आप शुभ मुहूर्त के दौरान भगवान राम की पूजा करते हैं तो आपकी सभीमनोकामनाएँ पूर्ण हो सकती हैं। 


दया करो हे दयालु गणपति (Daya Karo Hey Dayalu Ganpati)

शरण में आये है हम तुम्हारी,
दया करो हे दयालु गणपति,

सिद्ध-कुञ्जिका स्तोत्रम् (Siddha Kunjika Stotram)

सिद्ध-कुञ्जिका स्तोत्रम् श्रीरूद्रयामल के मन्त्र से सिद्ध है और इसे सिद्ध करने की जरूरत नहीं होती है। इस स्तोत्र को परम कल्याणकारी और चमत्कारी माना जाता है।

काहे इतनी देर लगाई, आजा रे हनुमान आजा (Kahe Itni Der Lagai Aaja Re Hanuman Aaja)

काहे इतनी देर लगाई,
आजा रे हनुमान आजा,

साल 2025 का पहला विनायक चतुर्थी व्रत

सनातन धर्म में विनायक चतुर्थी का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है।