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विनायक चतुर्थी पूजा विधि

विनायक चतुर्थी पर करें इस विधि से पूजा, मिलेगा रिद्धि-सिद्धि और विद्या का वरदान


मार्गशीर्ष मास शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी का व्रत विधि- विधान से करने पर भगवान गणेश, रिद्धि-सिद्धि और विद्या का वरदान देते हैं। विनायक चतुर्थी का व्रत 5 दिसंबर को किया जाएगा। इस दिन भगवान गणेश के 12 नामों का जाप करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं। 

हर साल मार्गशीर्ष मास शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी मनाई जाती है। यह दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस दिन भगवान गणेश की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। 


संपूर्ण फल प्राप्ति के लिए करें इनकी पूजा 


हिंदू धर्म में गणेश भगवान की पूजा करने के बाद ही अन्य पूजा करने पर संपूर्ण फल प्राप्त होता है। विनायक चतुर्थी का व्रत करने से जहां जीवन में आई सभी समस्याएं खत्म हो जाती हैं वहीं हर क्षेत्र में सफलता भी मिलेगी। विनायक चतुर्थी पर गणेश भगवान के 12 नामों का जाप, भगवान गणेश के मंत्र, स्तोत्र आदि का पाठ करना विशेष फलदायक होता हैं। इसके अलावा इस दिन पूजा के दौरान भगवान गणेश 108 नामों का जप करना फलदायी साबित होता है।


विनायक चतुर्थी 2024 का शुभ मुहूर्त


चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 4 दिसंबर, दोपहर 1:10 बजे।

चतुर्थी तिथि समाप्त: 5 दिसंबर, दोपहर 12:49 बजे।

व्रत एवं पूजा का दिन: 5 दिसंबर (उदया तिथि के अनुसार)


व्रत की विधि और इसके लाभ


मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विधिपूर्वक व्रत रखने से भगवान गणेश रिद्धि-सिद्धि और विद्या का आशीर्वाद देते हैं। 


जानिए व्रत की पूजा-विधि


  1. सबसे पहले भगवान गणेश जी का जलाभिषेक करें। 
  2. इसके बाद गणेश भगवान को पुष्प, फल चढ़ाएं और पीला चंदन लगाएं।
  3. अब गणपति जी को मोदक का भोग लगाएं।
  4. मार्गशीर्ष विनायक चतुर्थी व्रत की कथा का पाठ करें। 
  5. “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का जाप करें।
  6. पूरी श्रद्धा के साथ गणेश जी की आरती करें।
  7. चंद्रमा के दर्शन करें और अर्घ्य दें।
  8. व्रत का पारण करें।
  9. अब क्षमा प्रार्थना करें। 

गणेश जी की आरती


जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।

माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।

लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।

बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।

माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।

कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥


व्रत के दौरान इन मंत्रों का करें जाप


  • गणेश मंत्र: ॐ गं गणपतये नमः
  • शक्तिशाली मंत्र: वक्रतुंड महाकाय, सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव, सर्वकार्येषु सर्वदा।।
  • गायत्री मंत्र: एकदन्ताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि। तन्नो दंती प्रचोदयात्।।


अत्यंत शुभ होता है 12 नामों का जाप

 

  1. सुमुख
  2. एकदंत
  3. कपिल
  4. गजकर्णक
  5. लंबोदर
  6. विकट
  7. विघ्न-नाश
  8. विनायक
  9. धूम्रकेतु
  10. गणाध्यक्ष
  11.  भालचंद्र
  12. गजानन

12 नामों का जाप मंत्र


  1. ऊँ सुमुखाय नम:
  2. ऊँ एकदंताय नम:
  3. ऊँ कपिलाय नम:
  4. ऊँ गजकर्णाय नम:
  5. ऊँ लंबोदराय नम:
  6. ऊँ विकटाय नम:
  7. ऊँ विघ्ननाशाय नम:
  8. ऊँ विनायकाय नम:
  9. ऊँ धूम्रकेतवे नम:
  10. ऊँ गणाध्यक्षाय नम:
  11. ऊँ भालचंद्राय नम:
  12. ऊँ गजाननाय नम:

व्रत करने के लाभ जानिए 


इस दिन गणेश मंत्रों और स्तोत्रों का पाठ करने से सभी विघ्न-बाधाएं दूर होती हैं। इसके साथ ही व्यक्ति को जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है और सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं। तो आप भी इस विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की आराधना करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करें और अपने जीवन को सुख-समृद्धि से भरें।


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