नवीनतम लेख

यमुना माता की पूजा कैसे करें?

इस विधि से करें यमुना माता की पूजा, मिलेगा दीर्घायु और स्वस्थ जीवन का आशीर्वाद


भारत की पवित्र नदियों में से एक यमुना नदी है और इसे हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है। यमुना नदी उत्तराखंड के यमुनोत्री ग्लेशियर से निकलती है और प्रयागराज में गंगा नदी में मिल जाती है। यमुना माता को मां के रूप में तो पूजा ही जाता है, साथ ही उन्हें श्री कृष्ण की पत्नी भी माना जाता है। ब्रजमंडल की पावन भूमि से निकलकर बहती यमुना नदी का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यंत गहरा है।

मथुरा-वृंदावन में यमुना पूजन का महत्व काशी में गंगा पूजन के समान ही है। यमुना तट पर बैठकर पूजा करने स्नान करने या किसी भी अनुष्ठान को करने से व्यक्ति को न केवल शांति मिलती है, बल्कि उसके सभी पाप धुल जाते हैं और जीवन में सफलता प्राप्त होती है। आइए इस लेख में यमुना मां की पूजा किस विधि से करनी चाहिए और पूजा का महत्व क्या है। इसके बारे में विस्तार से जानते हैं। 

यमुना माता की पूजा के लिए सामग्री क्या है? 


यमुना माता की प्रतिमा या फिर आप यमुना नदी के तट पर पूजा कर सकते हैं। 

  • दूध 
  • फल
  • धूपबत्ती
  • दीपक
  • कपूर
  • सिंदूर और चंदन
  • कुमकुम और हल्दी
  • दीपक 
  • बताशे 
  • अक्षत
  • रोली
  • मौली
  • नैवेद्य

यमुना माता की पूजा किस विधि से करें? 


सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

  • पूजा स्थल - पूजा स्थल को साफ-सुथरा करके गंगाजल या शुद्ध जल से धो लें।
  • मूर्ति की स्थापना - यमुना माता की मूर्ति या चित्र को एक साफ चौकी पर स्थापित करें।
  • दीपक जलाएं - दीपक जलाकर यमुना माता को प्रणाम करें।
  • पूजा - यमुना माता को फूल, अक्षत, रोली, मौली आदि अर्पित करें।
  • नैवेद्य चढ़ाएं - यमुना माता को प्रिय भोग लगाएं, जैसे फल, बताशे, मिठाई आदि।
  • मंत्र जाप - यमुना माता के मंत्रों का जाप करें।
यमस्वसर्नमस्तेऽसु यमुने लोकपूजिते। वरदा भव मे नित्यं सूर्यपुत्रि नमोऽस्तु ते॥
ऊँ नमो भगवत्यै कलिन्दनन्दिन्यै सूर्यकन्यकायै यमभगिन्यै श्रीकृष्णप्रियायै यूथीभूतायै स्वाहा।
  • आरती - यमुना माता की आरती उतारें।
  • प्रार्थना - आखिर में आप एक पवित्र स्थान पर खड़े होकर परिक्रमा लगाएं। 

यमुना माता की पूजा के दौरान मंत्रों का जाप 


यमस्वसर्नमस्तेऽसु यमुने लोकपूजिते। वरदा भव मे नित्यं सूर्यपुत्रि नमोऽस्तु ते॥
ऊँ नमो भगवत्यै कलिन्दनन्दिन्यै सूर्यकन्यकायै यमभगिन्यै श्रीकृष्णप्रियायै यूथीभूतायै स्वाहा।
क्लिं कालिंदी भेदनाय संकर्षणाय स्वाहा


यमुना माता की पूजा करने से मिलते हैं ये लाभ


यमुना माता में स्नान करने और पूजा करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे पुण्य की प्राप्ति होती है। ऐसी मान्यता है कि यमुना में स्नान करने से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है।  यमुना माता की कृपा से व्यक्ति को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और जीवन में सफलता मिलती है। 
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यमुना माता की पूजा करने से कुंडली के दोष दूर होते हैं। यमुना माता की कृपा से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। 

यमुना माता में दूध चढ़ाने से भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है। आपको बता दें, यमुना माता शनिदेव की बहन भी हैं। इसलिए अगर आपकी कुंडली में शनिदोष है, तो यमुना माता की पूजा करने से शनिदोष से छुटकारा मिल सकता है और जातक के सभी काम बनने लग जाते हैं। 

हे शिव भोले मुझ पर, दो ऐसा रंग चढ़ाय(Hey Shiv Bhole mMujhpar Do Aisa Rang Chadaye)

हे शिव भोले मुझ पर,
दो ऐसा रंग चढ़ाय,

मेरे सतगुरु दीन दयाल(Mere Satguru Den Dayal)

मेरे सतगुरु दीन दयाल,
मैं तेरा नाम जपा करूं,

भारत माता तेरा आँचल (Bharat Mata Tera Aanchal)

भारत माता तेरा आँचल,
हरा-भरा धानी-धानी ।

तमिल हनुमान जयंती कथा

तमिलनाडु में हनुमान जयंती मार्गशीर्ष अमावस्या के दौरान मनाई जाती है। यह दिन हनुमान जी को समर्पित है। हिंदू पौराणिक कथाओं में, हनुमान जी शक्ति, भक्ति और निस्वार्थ सेवा के प्रतीक हैं।