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अयोध्या नाथ से जाकर पवनसुत हाल कह देना (Ayodhya Nath Se Jakar Pawansut Hal Kah Dena)

अयोध्या नाथ से जाकर पवनसुत हाल कह देना,

तुम्हारी लाड़ली सीता हुई बेहाल कह देना ।


जब से लंका में आई नहीं श्रृंगार है कीन्हा,

नहीं बांधे अभी तक खुले है बाल कह देना ।

॥ अयोध्या नाथ से जाकर...॥


यहाँ रावण सदा धमकी मुझे तलवार की देता,

करो तलवार के टुकड़े ये अंजनीलाल कह देना ।

॥ अयोध्या नाथ से जाकर...॥


अंगूठी राम को देकर सुनाना हाल सब दिल का,

भूले राम सीता को ये अंजनीलाल कह देना ।

॥ अयोध्या नाथ से जाकर...॥


अगर एक मॉस के अन्दर, मेरे राम ना आये,

तो सीता राम ना पाये ये अंजनीलाल कह देना ।


अयोध्या नाथ से जाकर पवनसुत हाल कह देना,

तुम्हारी लाड़ली सीता हुई बेहाल कह देना ।

दादी मैं थारी बेटी हूँ (Dadi Mein Thari Beti Hu)

दादी मैं थारी बेटी हूँ,
रखियो मेरी लाज,

वसंत पूर्णिमा की पूजा विधि

भारत में पूर्णिमा का बहुत महत्व है और देश के प्रमुख क्षेत्रों में इसे पूर्णिमा कहा जाता है। पूर्णिमा का दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि अधिकांश प्रमुख त्यौहार या वर्षगांठ इसी दिन पड़ती हैं।

मोरे उज्जैन के राजा करों किरपा(More Ujjain Ke Raja Karo Kirpa)

महाकाल सो नाम नहीं,
और उज्जैन सो कोई धाम,

ढँक लै यशोदा नजर लग जाएगी (Dhank Lai Yashoda Najar Lag Jayegi)

ढँक लै यशोदा नजर लग जाएगी
कान्हा को तेरे नजर लग जाएगी ।

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