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बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे (Baans Ki Basuriya Pe Ghano Itrave)

बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे,

कोई सोना की जो होती,

हीरा मोत्या की जो होती,

जाणे काई करतो, काई करतो,

बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे ॥


जैल में जनम लेके घणो इतरावे,

कोई महला में जो होतो,

कोई अंगना में जो होतो,

जाणे काई करतो, काई करतो,

बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे ॥


देवकी रे जनम लेके घणो इतरावे,

कोई यशोदा के होतो,

माँ यशोदा के जो होतो,

जाणे काई करतो, काई करतो,

बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे ॥


गाय को ग्वालो होके घणो इतरावे,

कोई गुरुकुल में जो होतो

कोई विद्यालय जो होतो,

जाणे काई करतो, काई करतो,

बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे ॥


गूज़रया की छोरियां पे घणो इतरावे,

ब्राह्मण बाणिया की जो होती,

ब्राह्मण बाणिया की जो होती,

जाणे काई करतो, काई करतो,

बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे ॥


साँवली सुरतिया पे घणो इतरावे,

कोई गोरो सो जो होतो,

कोई सोणो सो जो होतो,

जाणे काई करतो, काई करतो,

बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे ॥


माखन मिश्री पे कान्हा घणो इतरावे,

छप्पन भोग जो होतो,

मावा मिश्री जो होतो,

जाणे काई करतो, काई करतो,

बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे ॥


बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे,

कोई सोना की जो होती,

हीरा मोत्या की जो होती,

जाणे काई करतो, काई करतो,

बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे ॥

माँ अंजनी का प्यारा लाल(Maa Anjani Ka Pyara Lal)

माँ अंजनी का प्यारा लाल,
घोटा हाथ लंगोटा लाल,

कीर्तन रचो है म्हारे आंगने(Kirtan Racho Hai Mhare Angane)

कीर्तन रचो है म्हारे आंगने,
आओ-आओ गौरा जी रा लाल,

दानी बड़ा ये भोलेनाथ, पूरी करे मन की मुराद (Dani Bada Ye Bholenath Puri Kare Man Ki Murad)

दानी बड़ा ये भोलेनाथ,
पूरी करे मन की मुराद,

नटराज स्तुति पाठ

सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान शंकर की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि इस व्रत को रखने से घर में खुशहाली आती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।

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