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भरदे रे श्याम झोली भरदे (Bharde Re Shyam Jholi Bhar De)

भरदे रे श्याम झोली भरदे,

भरदे, ना बहला ओ बातों में,

ना बहला ओ, बातों में ॥


नादान है अनजान हैं,

श्याम तू ही मेरा भगवान है,

तुझे चाहूं तुझे पाऊं,

मेरे दिल का यही अरमान है,

पढ़ ले रे श्याम दिल की पढ़ले,

सब लिखा है आंखों में,

​भरदे रे श्याम झोली भरदे ॥


दिन बीते बीती रातें,

अपनी कितनी हुई रे मुलाकातें,

तुझे जाना पहचाना,

तेरे झूठे हुए रे सारे वादे,

भूले रे श्याम तुम तो भूले,

क्या रखा है बातों में,

​भर दे रे श्याम झोली भरदे ॥


मेरी नैया ओ कन्हैया,

पार करदे तू बनके खिवैया,

मैं तो हारा, गम का मारा,

आजा आजा ओ बंशी के बजैया,

लेले रे श्याम अब तो लेले,

लेले, मेरा हाथ हाथों में,

​भर दे रे श्याम झोली भरदे ॥


मैं हूं तेरा तू है मेरा,

मैंने डाला तेरे दर पे डेरा,

मुझे आस है विश्वास है,

श्याम भर देगा दामन तु मेरा,

झूमें रे श्याम ‘नन्दू’ झूमें,

झूमें, तेरी बांहों में,

भर दे रे श्याम झोली भरदे ॥


​भरदे रे श्याम झोली भरदे,

भरदे, ना बहला ओ बातों में,

ना बहला ओ, बातों में ॥

अब दया करो हे भोलेनाथ (Ab Daya Karo He Bholenath)

अब दया करो हे भोलेनाथ,
मस्त रहूं तेरी मस्ती में,

मात भवानी अम्बे माँ (Maat Bhawani Ambe Maa)

मात भवानी अम्बे माँ,
मेरी नैया भवर में है आ,

अनंग त्रयोदशी की पूजा विधि क्या है?

अनंग त्रयोदशी हिंदू धर्म में प्रेम और दांपत्य जीवन को सुदृढ़ करने वाला महत्वपूर्ण पर्व है। इसे मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। 2024 में यह तिथि 13 दिसंबर को पड़ रही है।

फाल्गुन माह प्रदोष व्रत उपाय

फाल्गुन मास में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। फाल्गुन मास में प्रदोष व्रत रखने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है।