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भोले बाबा ने पकड़ा हाथ (Bhole Baba Ne Pakda Hath)

भोले बाबा ने पकड़ा हाथ,

की रहता हर पल मेरे साथ,

अकेला मत समझो,

अकेला मत समझो ॥


जबसे इसने अपनाया है,

जीने का ढंग सिखलाया है,

मन में रहता उत्साह,

नहीं अब सुख दुःख की परवाह,

अकेला मत समझो,

अकेला मत समझो ॥


मैं जग में निर्भय घूम रहा,

इसकी मस्ती में झूम रहा,

इसने बदली तकदीर,

मिटाके हर मुश्किल गंभीर,

अकेला मत समझो,

अकेला मत समझो ॥


मिलते है इसके दीवाने,

कुछ जाने और कुछ अंजाने,

उनसे मिलता जो प्यार,

क्या देगा कोई रिश्तेदार,

अकेला मत समझो,

अकेला मत समझो ॥


ये प्यार बहुत ही करता है,

और भाव हृदय में भरता है,

‘बिन्नू’ का ये मनमीत,

झुमके गाऊं इसके गीत,

अकेला मत समझो,

अकेला मत समझो ॥


भोले बाबा ने पकड़ा हाथ,

की रहता हर पल मेरे साथ,

अकेला मत समझो,

अकेला मत समझो ॥

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