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दया कर दान विद्या का(Daya Kar Daan Vidya Ka Hume Parmatma Dena)

दया कर दान विद्या का,

हमें परमात्मा देना,

दया करना हमारी आत्मा में,

शुद्धता देना ।


हमारे ध्यान में आओ,

प्रभु आँखों में बस जाओ,

अँधेरे दिल में आकर के,

प्रभु ज्योति जगा देना ।


बहा दो प्रेम की गंगा,

दिलों में प्रेम का सागर,

हमें आपस में मिल-जुल के,

प्रभु रहना सीखा देना ।


हमारा धर्म हो सेवा,

हमारा कर्म हो सेवा,

सदा ईमान हो सेवा,

व सेवक जन बना देना ।


वतन के वास्ते जीना,

वतन के वास्ते मरना,

वतन पर जाँ फिदा करना,

प्रभु हमको सीखा देना ।


दया कर दान विद्या का,

हमें परमात्मा देना,

दया करना हमारी आत्मा में,

शुद्धता देना ।


भोला नही माने रे नहीं माने (Bhola Nai Mane Re Nahi Mane)

भोला नही माने रे नहीं माने,
मचल गए नचबे को,

होली क्यों मनाई जाती है

फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन होली मनाई जाती है। इस दिन पूरा देश अबीर-गुलाल और रंग में सराबोर रहता है। हर कोई एक-दूसरे पर प्यार के रंग बरसाते हैं। होली के रंगों को प्रेम का प्रतीक भी माना जाता है।

श्री तुलसी मैया की आरती

जय जय तुलसी माता, सब जग की सुखदाता,
सब योगों के ऊपर, सब रोगों के ऊपर,

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