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जगमग जगमग जोत जली है, आरती श्री राम जी (Jagmag Jyot Jali Hai Shri Ram Aarti)

श्री राम नवमी, विजय दशमी, सुंदरकांड, रामचरितमानस कथा और अखंड रामायण के पाठ में प्रमुखता से गाये जाने वाला भजन/आरती।


जगमग जगमग जोत जली है।

राम आरती होन लगी है॥


भक्ति का दीपक प्रेम की बाती।

आरति संत करें दिन राती॥


आनन्द की सरिता उभरी है।

जगमग जगमग जोत जली है॥


कनक सिंघासन सिया समेता।

बैठहिं राम होइ चित चेता॥


वाम भाग में जनक लली है।

जगमग जगमग जोत जली है॥


आरति हनुमत के मन भावै।

राम कथा नित शंकर गावै॥


सन्तों की ये भीड़ लगी है।

जगमग जगमग जोत जली है॥


जागो वंशीवारे ललना, जागो मोरे प्यारे (Jago Bansivare Lalna Jago More Pyare)

जागो वंशीवारे ललना,
जागो मोरे प्यारे ।

खेल पंडा खेल पंडा खेल पंडा रे

खेल पंडा खेल पंडा खेल पंडा रे। (खेल पंडा खेल पंडा खेल पंडा रे।)

मकर संक्रांति पुण्य काल

2025 में, मकर संक्रांति विशिष्ट योग में 14 जनवरी को मनाई जाएगी। 14 जनवरी को सुबह 8 बजकर 41 मिनट पर सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होगा। ऐसे में सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक स्नान-ध्यान और दान का शुभ मुहूर्त रहेगा।

विसर्जन को चलीं रे, चली रे मोरी मैया (Visarjan Ko Chali Re Chali Mori Maiya)

विसर्जन को चली रे,
चली रे मोरी मैया,

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