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जयपुर की चुनरिया मैं लाई शेरावालिये (Jaipur Ki Chunariya Me Layi Sherawaliye)

जयपुर की चुनरिया,

मैं लाई शेरावालिये,

जयपुर की चुनरिया,

मैं लाई शेरावालिये ।


आगरा से लहंगा,

जयपुर से चुनरिया,

दिल्ली के दरीबे से लाई,

सितारे शेरावालिये,

जयपुर की चुनरिया,

मैं लाई शेरावालिये ।


कलकत्ते से नथली लाइ,

झुमका लाई बरेली से,

और फिरोजाबाद से चूड़ी लाइ,

पहनो शेरावालीये,

जयपुर की चुनरिया,

मैं लाई शेरावालिये ।


कांगड़े से सिंदूर लाई,

कजरा लाई मेरठ का,

मालवा से मेंहदी लाई,

लगाओ शेरावालीये,

जयपुर की चुनरिया,

मैं लाई शेरावालिये ।


गुजराती करधन ले आई,

बिछिया बीकानेर से,

और पंजाबी पाजेब ले आई,

पहनो शेरावालिए,

जयपुर की चुनरिया,

मैं लाई शेरावालिये ।


इलाहाबाद से अमरूद लाई,

पेड़े लाई मथुरा से,

और कंदारी अनार ले आई,

भोग लगाओ शेरावालिए,

जयपुर की चुनरिया,

मैं लाई शेरावालिये ।

मौनी अमावस्या नियम

सनातन धर्म में मौनी अमावस्या बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। हिंदू धर्म शास्त्रों में इस दिन स्नान और दान की पंरपरा सदियों से चली आ रही है। मौनी अमावस्या के दिन पितृ धरती पर आते हैं।

कन्हैया ने जब पहली बार बजाई मुरली, सारी सृष्टि में आनंद की लहर दौड़ी

मुरलीधर, मुरली बजैया, बंसीधर, बंसी बजैया, बंसीवाला भगवान श्रीकृष्ण को इन नामों से भी जाना जाता है। इन नामों के होने की वजह है कि भगवान को बंसी यानी मुरली बहुत प्रिय है। श्रीकृष्ण मुरली बजाते भी उतना ही शानदार हैं।

रमा एकादशी व्रत कथा (Rama Ekadashi Vrat Katha)

एक समय महाराज युधिष्ठिर ने कहा- “हे जनार्दन मुझपर कृपा करके बताइये कि कार्तिक कृष्ण पक्ष में कौन सी एकादशी होती है? भगवान् श्रीकृष्ण ने कहा “हे राजन् ! कार्तिक मास के कृष्णपक्ष में जो परम कल्याणमयी एकादशी होती है वह 'रमा' के नाम से जानी जाती है।

गोरी सुत गणराज पधारो (Gauri Sut Ganraj Padharo)

गौरी सूत गणराज पधारो,
आके सारे काज सवारों,

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