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जिनके हृदय हरि नाम बसे (Jinke Hriday Hari Naam Base)

जिनके हृदय हरि नाम बसे,

तिन और का नाम लिया ना लिया ।

जिनके हृदय हरि नाम बसे,

जिन के द्वारे पर गंग बहे,

जिन के द्वारे पर गंग बहे,

तिन कूप का नीर पीया ना पीया,

तिन कूप का नीर पीया ना पीया ।


जिनके हृदय हरि नाम बसे,

तिन और का नाम लिया ना लिया ।

जिनके हृदय हरि नाम बसे,


जिन काम किया परमार्थ का,

जिन काम किया परमार्थ का,

तिन हाथ से दान दिया ना दिया,

तिन हाथ से दान दिया ना दिया ।


जिनके हृदय हरि नाम बसे,

तिन और का नाम लिया ना लिया ।

जिनके हृदय हरि नाम बसे,


जिन के घर एक सपूत भयो,

जिन के घर एक सपूत भयो,

तिन लाख कपूत भया ना भया,

तिन लाख कपूत भया ना भया ॥


जिनके हृदय हरि नाम बसे,

तिन और का नाम लिया ना लिया ।

जिनके हृदय हरि नाम बसे,


जिन मात पिता की सेवा करी,

जिन मात पिता की सेवा करी,

तिन तीर्थ व्रत किया ना किया,

तिन तीर्थ व्रत किया ना किया ॥


जिनके हृदय हरि नाम बसे,

तिन और का नाम लिया ना लिया ।

जिनके हृदय हरि नाम बसे,


जिन के द्वारे पर गंग बहे,

तिन कूप का नीर पीया ना पीया ।


जिन काम किया परमार्थ का,

तिन हाथ से दान दिया ना दिया ।


जिन के घर एक सपूत भयो,

तिन लाख कपूत भया ना भया ।


जिन मात पिता की सेवा करी,

तिन तीर्थ व्रत किया ना किया ।


तुलसीदास विचार कहे,

तुलसीदास विचार कहे,

कपटी को मीत किया ना किया,

कपटी को मीत किया ना किया ॥


जिनके हृदय हरि नाम बसे,

तिन और का नाम लिया ना लिया ।

जिनके हृदय हरि नाम बसे,

बिसर गई सब तात पराई (Bisar Gai Sab Taat Paraai)

बिसर गई सब तात पराई,
जब ते साध संगत मोहे पाई,

तारा है सारा जमाना, श्याम हम को भी तारो (Tara Hai Sara Zamana, Shyam Hamko Bhi Taro)

तारा है सारा जमाना,
श्याम हम को भी तारो ।

गुप्त नवरात्रि कथा

2025 में उदयातिथि के अनुसार, 30 जनवरी 2025 को माघ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत होगी और 7 फरवरी 2025 को गुप्त नवरात्रि का समापन होगा। ऐसे में माघ गुप्त नवरात्र की शुरुआत 30 जनवरी से होगी।

राम तुम्हारा नाम (Ram Tumhara Naam)

राम तुम्हारा नाम
सुखों का सार हुआ

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