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कोई लाख करे चतुरायी (Koi Lakh Kare Chaturayi)

कोई लाख करे चतुरायी,

करम का लेख मिटे ना रे भाई,

करम का लेख मिटे ना रे भाई ॥

जरा समझो इसकी सच्चाई रे,

करम का लेख मिटे ना रे भाई ॥


इस दुनिया में,

भाग्य के आगे,

चले ना किसी का उपाय,

कागद हो तो,

सब कोई बांचे,

करम ना बांचा जाए,

इस दिन इसी,

किस्मत के कारण,

वन को गए थे रघुराई रे,

करम का लेख मिटे ना रे भाई ॥


कोई लाख करे चतुरायी,

करम का लेख मिटे ना रे भाई,

करम का लेख मिटे ना रे भाई ॥


काहे मनवा धीरज खोता,

काहे तू नाहक रोए,

अपना सोचा कभी ना होता,

भाग्य करे तो होए,

चाहे हो राजा चाहे भिखारी,

ठोकर सभी ने यहाँ खायी रे,

करम का लेख मिटे ना रे भाई ॥


कोई लाख करे चतुरायी,

करम का लेख मिटे ना रे भाई,

करम का लेख मिटे ना रे भाई ॥

चैत कृष्ण पापमोचनी एकादशी (Chait Krishna Papamochani Ekadashi)

इतनी कथा सुनकर महाराज युधिष्ठिर बोले हे भगवन् ! आपके श्रीमुख से इन पवित्र कथाओं को सुन मैं कृतकृत्य हो गया।

माँ की दुआ बड़ी है(Maa Ki Dua Badi Hai)

लाख बार गिर कर मैं,
हर बार उठा हूँ,

सुहागिनों के लिए क्यों खास है गणगौर

गणगौर व्रत भारतीय संस्कृति में स्त्रियों की श्रद्धा, प्रेम और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। यह पर्व विशेष रूप से राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

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