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माँ गौरी के लाल गजानन(Maa Gauri Ke Lal Gajanan)

माँ गौरी के लाल गजानन,

आज आओ पधारो मेरे आँगन,

गौरी शंकर के लाल गजानन ॥


वीर गणपत उमापुत्र प्यारे,

सारी श्रष्टि है तेरे सहारे,

सारी श्रष्टि है तेरे सहारे,

मंगल मूर्ति है मूषक वाहन,

आज आओ पधारो मेरे आँगन,

मां गौरी के लाल गजानन,

आज आओ पधारो मेरे आँगन,

गौरी शंकर के लाल गजानन ॥


मंगल करता सिद्धिदाता विनायक,

बुद्धि प्रियवक्रतुंड मुक्तिदायक,

बुद्धि प्रियवक्रतुंड मुक्तिदायक,

भक्त नाचे बजाते है बाजन,

आज आओ पधारो मेरे आँगन,

मां गौरी के लाल गजानन,

आज आओ पधारो मेरे आँगन,

गौरी शंकर के लाल गजानन ॥


विघ्नहर्ता प्रभु विघ्नेश जी,

कष्ट काटों मेरे श्री गणेश जी,

कष्ट काटों मेरे श्री गणेश जी,

लिखते देवेन्द्र अमित मांगे मांगन,

आज आओ पधारो मेरे आँगन,

मां गौरी के लाल गजानन,

आज आओ पधारो मेरे आँगन,

गौरी शंकर के लाल गजानन ॥


माँ गौरी के लाल गजानन,

आज आओ पधारो मेरे आँगन,

गौरी शंकर के लाल गजानन ॥

हे नाम रे सबसे बड़ा तेरा नाम (Hai Nam Re Sabse Bada Tera Nam)

काल के पंजे से माता बचाओ,
जय माँ अष्ट भवानी,

किस्मत को मेरी आज, बना क्यों नहीं देते (Kismat Ko Meri Aaja Bana Kyo Nahi Dete)

किस्मत को मेरी आज,
बना क्यों नहीं देते,

लाऊँ कहाँ से, भोलेनाथ तेरी भंगिया(Lau Kaha Se Bhole Nath Teri Bhangiya)

लाऊँ कहाँ से,
भोलेनाथ तेरी भंगिया,

गुड़ी पड़वा क्यों मनाया जाता है

गुड़ी पड़वा मुख्य रूप से चैत्र माह में नवरात्रि की प्रतिपदा के दिन मनाया जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार इसी दिन से नववर्ष की शुरुआत भी होती है। इस साल गुड़ी पड़वा 30 मार्च, रविवार को मनाई जाएगी और इसी दिन चैत्र नवरात्रि भी शुरू होगी।

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