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मेरा दिल अटका तेरी मूरत पे (Mera Dil Atka Teri Murat Pe)

मेरा दिल अटका तेरी मूरत पे,

मुझको तो किसी की खबर नही ॥


जब से देखा है मैने तुझे,

दिल तेरा दीवाना हो ही गया,

जब से देखा है मैने तुझे,

दिल तेरा दीवाना हो ही गया ॥


मेरे नैनो,

मेरे नैनो को अब तेरे सिवा,

कुछ और तो आता नज़र नही,

मेरा दिल अटका तेरी मूरत पे,

मुझको तो किसी की खबर नही ॥


क्या क्या महिमा बतलाऊँ मैं,

कैसे दिल की बात बताऊँ मैं,

क्या क्या महिमा बतलाऊँ मैं,

कैसे दिल की बात बताऊँ मैं ॥


मेरा बहुत,

मेरा बहुत पुराना नाता है,

मुझपे तो किसी का असर नहीं,

मेरा दिल अटका तेरी मूरत पे,

मुझको तो किसी की खबर नही ॥


जो होगा देखा जाएगा,

अब हम तो रहेंगे चरणों में,

जो होगा देखा जाएगा,

अब हम तो रहेंगे चरणों में ॥


अब भला,

अब भला बुरा माँ क्या सोचे,

हमको तो चिंता फिकर नही,

मेरा दिल अटका तेरी मूरत पे,

मुझको तो किसी की खबर नही ॥


जब इतना कुछ हो जाता है,

दिल मेरा मचलने लगता है,

जब इतना कुछ हो जाता है,

दिल मेरा मचलने लगता है ॥


मिलने को,

मिलने को तड़पड़े मैय्या से,

रहती फिर माँ को सबर नही,

मेरा दिल अटका तेरी मूरत पे,

मुझको तो किसी की खबर नही ॥

ऐ री मैं तो प्रेम दिवानी (Ae Ri Main To Prem Diwani)

ऐ री मैं तो प्रेम-दिवानी,
मेरो दर्द न जाणै कोय ।

रथ सप्तमी व्रत के शुभ मुहूर्त

माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को रखा जाने वाला रथ सप्तमी व्रत इस साल 4 फरवरी को है। यह व्रत प्रमुख रूप से सूर्य देव को समर्पित है। रथ सप्तमी को अचला सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है।

महाशिवरात्रि व्रत कथा प्रारम्भ | क्या शिवरात्रि पर व्रत करने से मुक्ति संभव

भगवान शिव की महिमा सुनकर एक बार ऋषियों ने सूत जी से कहा- हे सूत जी आपकी अमृतमयी वाणी और आशुतोष भगवान शिव की महिमा सुनकर तो हम परम आनन्दित हुए।

गुरुवार को किन मंत्रों का जाप करें?

सनातन धर्म में गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति को समर्पित है। इस दिन श्रद्धा से पूजा, व्रत और दान करने से जीवन की सभी समस्याएं समाप्त होती हैं।

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