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मूषक सवारी लेके, आना गणराजा (Mushak Sawari Leke Aana Ganraja)

मूषक सवारी लेके,

आना गणराजा,

रिद्धि सिद्धि को ले आना,

आके भोग लगाना,

मेरे आंगन में, आंगन में,

मुषक सवारी लेके,

आना गणराजा ॥


लाल सिंदूर का टिका लगा के,

पान और फूल चड़ाउ,

मोदक लडूवन से भर थाली,

तुम को भोग लगाउ,

देख तुम्हारी महिमा निराली,

गाउं बारम्बार हो,

कारज मेरे सब,

शुभ कर जाना,

रिद्धि सिद्धि को ले आना,

आके भोग लगाना,

मेरे आंगन में, आंगन में,

मुषक सवारी लेके,

आना गणराजा ॥


सुख करता तुम,

दुःख के हरता,

सबके प्यारे गणेश हो,

प्यार दुलार हमेशा रहे प्रभु,

ना हो कोई कलेश हो,

सब की नैया पार किये हो,

मुझको भी दो तार,

चरणों में तेरे प्रभु मेरा ठिकाना,

रिद्धि सिद्धि को ले आना,

आके भोग लगाना,

मेरे आंगन में, आंगन में,

मुषक सवारी लेके,

आना गणराजा ॥


मूषक सवारी लेके,

आना गणराजा,

रिद्धि सिद्धि को ले आना,

आके भोग लगाना,

मेरे आंगन में, आंगन में,

मुषक सवारी लेके,

आना गणराजा ॥


मकर संक्रांति की पूजा विधि

मकर संक्रांति की ग्रह स्थिति तब बनती है जब सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करता है। इसे सूर्य का मकर संक्रांति में गोचर कहा जाता है। यही समय मकर संक्रांति का प्रमुख क्षण माना जाता है।

मेरे गणराज आये है (Mere Ganaraj Aaye Hai)

वक्रतुण्ड महाकाय,
सूर्यकोटि समप्रभ:,

रानी सती आज मेरे घर आई(Rani Sati Aaj Mere Ghar Aayi)

रानी सती आज मेरे घर आई,
घर आई माँ घर आई,

कार्तिगाई दीपम क्यों मनाते हैं

कार्तिगाई दीपम पर्व प्रमुख रूप से तमिलनाडु, श्रीलंका समेत विश्व के कई तमिल बहुल देशों में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती और उनके पुत्र कार्तिकेय की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है।