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राम नाम तू जप ले रे बंदे, बनेंगे तेरे काम(Ram Naam Tu Japle Re Bande Banenge Tere Kaam)

राम नाम तू जप ले रे बंदे,

बनेंगे तेरे काम,

क्यो भटके नर डगर डगर,

अंतिम सत्य है राम,

बोलो राम राम राम,

बोलो राम राम राम ॥


राम भजन भजके देखो,

दाम नही कुछ लगता,

भवसागर से तर जायेगा,

ध्यान प्रभु का जो करता,

साँस साँस में उसकी महिमा,

रोम रोम में राम,

बोलो राम राम राम,

बोलो राम राम राम,

क्यो भटके नर डगर डगर,

अंतिम सत्य है राम ॥


हीरा जनम मनुज का पाकर,

जीवन भर है ठगाये,

मोह माया के झूठे जग में,

माटी मोल बिकाये,

तन मन धन अर्पित हो उसपे,

गुंजित प्रभु का नाम,

बोलो राम राम राम,

बोलो राम राम राम,

क्यो भटके नर डगर डगर,

अंतिम सत्य है राम ॥


राम नाम है सच्चा मोती,

मानव तू है महान,

खिलजायेगा जीवन तेरा,

अंतर मन पहचान,

ह्रदय कुँज तू अर्पण कर दे,

सबके दाता राम,

बोलो राम राम राम,

बोलो राम राम राम,

क्यो भटके नर डगर डगर,

अंतिम सत्य है राम ॥


राम नाम तू जप ले रे बंदे,

बनेंगे तेरे काम,

क्यो भटके नर डगर डगर,

अंतिम सत्य है राम,

बोलो राम राम राम,

बोलो राम राम राम ॥


भीष्म पितामह का अंतिम संस्कार

माघ मास में शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को भीष्म द्वादशी कहते हैं। इसे तिल द्वादशी भी कहते हैं। भीष्म द्वादशी को माघ शुक्ल द्वादशी नाम से भी जाना जाता है।

Mann Mein Basakar Teri Murti (मन में बसाकर तेरी मूर्ति)

मन में बसाकर तेरी मूर्ति,
उतारू में गिरधर तेरी आरती ॥

श्री धन्वन्तरि जी की आरती (Shri Dhanvantari Ji Ki Aarti)

जय धन्वन्तरि देवा, जय धन्वन्तरि जी देवा।
जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा॥

अन्वाधान पौराणिक कथा

हिंदू धर्म में त्योहारों का विशेष महत्व है। हर त्योहार अपनी पौराणिक कथाओं और परंपराओं के कारण अद्वितीय स्थान रखता है। ऐसा ही एक महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व है 'अन्वाधान’, जिसे वैष्णव सम्प्रदाय विशेष रूप से मनाता है।

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