नवीनतम लेख

सोचा नहीं जो ख्वाब में, उतना हमें मिला: भजन (Socha Nahi Jo Khwab Me Utna Hame Mila)

सोचा नहीं जो ख्वाब में,

उतना हमें मिला,

टूटे ना तेरी रहमतों का,

श्याम सिलसिला,

सोचा नही था ख्वाब में ॥


एक दिन मेरी ये जिंदगी,

तेरे दर पे मुड़ गई,

टूटी हुई थी ख्वाहिशे,

एक पल में जुड़ गई,

पहली ही हाजरी का,

इतना दिया सिला,

टूटे ना तेरी रहमतों का,

श्याम सिलसिला,

सोचा नही जो ख्वाब में ॥


सेवा में जबसे आपने,

मुझको लगा लिया,

तेरी कृपा का हर घडी,

एहसास है किया,

मुझे जिंदगी से अब प्रभु,

रहा ना कोई गिला,

टूटे ना तेरी रहमतों का,

श्याम सिलसिला,

सोचा नही जो ख्वाब में ॥


आई जो मुश्किलें कभी,

प्रभु दूर हो गई,

गुमनाम सी ये जिंदगी,

मशहूर हो गई,

मुश्किल भरी डगर में भी,

विश्वास ना हिला,

टूटे ना तेरी रहमतों का,

श्याम सिलसिला,

सोचा नही जो ख्वाब में ॥


तेरे प्रेमियों में बस प्रभु,

मेरा भी नाम हो,

चरणों में आपके प्रभु,

जीवन की शाम हो,

‘रोमी’ को अपनी गोद में,

लेना प्रभु सुला,

टूटे ना तेरी रहमतों का,

श्याम सिलसिला,

सोचा नही जो ख्वाब में ॥


सोचा नहीं जो ख्वाब में,

उतना हमें मिला,

टूटे ना तेरी रहमतों का,

श्याम सिलसिला,

सोचा नही था ख्वाब में ॥

इंदिरा एकादशी की पूजन विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व

सनातन धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है, जो भगवान विष्णु को समर्पित है। पूरे साल में 24 एकादशी व्रत रखे जाते हैं, जिनमें से सितंबर माह में दो महत्वपूर्ण एकादशी हैं: परिवर्तिनी एकादशी और इंदिरा एकादशी।

नवरात्रि सरस्वती पूजा 2024: शारदीय नवरात्रि के सांतवे दिन से होती है सरस्वती पूजा की शुरूआत, जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

शारदीय नवरात्रि की शुरूआत हो चुकी है। इन नौ दिन मां दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाएगी।

राम रस बरस्यो री, आज म्हारे आंगन में (Ram Ras Barsyo Re, Aaj Mahre Angan Main)

राम रस बरस्यो री,
आज म्हारे आंगन में ।

तिरुमला को क्यों कहा जाता है धरती का बैकुंठ

आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में त‍िरुमाला की सातवीं पहाड़ी पर स्थित तिरुपति मंदिर विश्व का सबसे प्रसिद्ध है। यहां आने के बाद बैकुंठ जैसी अनुभूति होती है।

यह भी जाने