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उज्जैन के महाराज हो, दीनो के दीनानाथ हो (Ujjain Ke Maharaj Ho Dino Ke Dinanath Ho)

उज्जैन के महाराज हो,

दीनो के दीनानाथ हो,

तुम कालों के काल हो,

बाबा महाकाल हो ॥


दरबार में भोले के देखो,

झूम झुम जयकार लगे,

झूम झुम जयकार लगे,

भंग के रसिया भक्तो के संग,

झूम झूम इतराने लगे,

झूम झूम इतराने लगे,

हर हर का जब साथ हो,

बम बम का जयकार हो,

तुम कालों के काल हो,

बाबा महाकाल हो ॥


मंदिर में महाकाल सजे,

और ढोल नगाड़ा डमरू बजे,

ढोल नगाड़ा डमरू बजे,

झांझ मजीरे शंख मृदंग,

ताशे संग घड़ियाल बजे,

ताशे संग घड़ियाल बजे,

तन पे भस्म भभूत हो,

संग में भंग का रंग हो,

तुम कालों के काल हो,

बाबा महाकाल हो ॥


मेरे मन में है महाकाल,

मोह न माया और कोई जाल,

मोह न माया और कोई जाल,

जो कोई पूछे मेरा हाल,

मेरे मुख पर जय महाकाल,

मेरे मुख पर जय महाकाल,

बाबा मुझको तार दो,

सुन लो मेरी पुकार को,

तुम कालों के काल हो,

बाबा महाकाल हो ॥


उज्जैन के महाराज हो,

दीनो के दीनानाथ हो,

तुम कालों के काल हो,

बाबा महाकाल हो ॥

होली खेलन आयो श्याम, आज(Holi Khelan Aayo Shyam, Aaj)

होली खेलन आयो श्याम
होली खेलन आयो श्याम,

वृन्दावन हम चलेंगे राधे राधे गाते गाते (Vrindavan Hum Chalenge Radhey Radhey Gaate Gaate)

वृन्दावन हम चलेंगे राधे राधे गाते गाते,
वृन्दावन हम चलेंगे राधे राधें गाते गाते,

विजया एकादशी व्रत नियम

विजया एकादशी के दिन व्रती जातकों को कुछ नियमों का पालन करना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। साथ ही इस दिन क्या करें और क्या करने से बचना चाहिए। इसके बारे में भक्त वत्सल के इस लेख में जानते हैं।

शबरी जयंती पर इन चीजों का लगाएं भोग

सनातन धर्म में फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि पर शबरी जयंती मनाई जाती है। इस दिन व्रत और पूजन का विधान है। इस दिन भगवान राम के साथ माता शबरी का पूजन किया जाता है।

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