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आ गया फागुन मेला (Aa Gaya Falgun Mela)

बात हमारी बड़े पते की,

गौर होना चाहिये,

आ गया फागुन मेला,

अब तो शोर होना चाहिये,

बात हमारी बड़े पते की ॥


रंग रंगीला फागुन मेला,

सारे खाटू धाम चलो,

सारे खाटू धाम चलो,

लेकर के निशान हाथ में,

तुम बाबा की ओर बढ़ो,

तुम बाबा की ओर बढ़ो,

इस फागुन में हल्ला थोड़ा,

और होना चाहिये,

बात हमारी बड़े पते की,

गौर होना चाहिये,

आ गया फागुण मेला,

अब तो शोर होना चाहिये,

बात हमारी बड़े पते की ॥


खाटू वाला इस मेले में,

सब पे प्यार लुटायेगा,

सब पे प्यार लुटायेगा,

‘शुभम रूपम’ भक्तों के संग में,

वो भी रंग उड़ायेगा,

वो भी रंग उड़ायेगा,

श्याम धणी के जयकारे का,

जोर होना चाहिए,

बात हमारी बड़े पते की,

गौर होना चाहिये,

आ गया फागुण मेला,

अब तो शोर होना चाहिये,

बात हमारी बड़े पते की ॥


बात हमारी बड़े पते की,

गौर होना चाहिये,

आ गया फागुन मेला,

अब तो शोर होना चाहिये,

बात हमारी बड़े पते की ॥


बोल सुवा राम राम, मीठी मीठी वाणी रे (Bol Suva Ram Ram Mithi Mithi Vani Re)

बोल सुवा राम राम,
मीठी मीठी वाणी रे ॥

मोरी मैय्या की चूनर उड़ी जाए

धीरे चलो री, पवन धीरे - धीरे चलो री।
धीरे चलो री पुरवइया।

भगवान श्रीकृष्ण के 108 नाम

श्रीकृष्ण भगवान विष्णु के 8वें अवतार हैं। इन्हें, केशव, कन्हैया, श्याम, गोपाल, द्वारकेश या द्वारकाधीश और वासुदेव इत्यादि नामों से भी जाना है। श्रीकृष्ण का जन्म द्वापरयुग में हुआ था। कृष्ण वासुदेव और देवकी की 8वीं संतान थे।