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आजा कलयुग में लेके, अवतार ओ भोले (Aaja Kalyug Me Leke, Avtar O Bhole)

अवतार ओ भोले,

अपने भक्तो की सुनले,

पुकार ओ भोले,

अपने भक्तो की सुनले,

पुकार ओ भोले ॥


दुनिया बनाने वाले,

कर दुनिया का ख्याल रे,

तेरे संसार का हुआ है,

बुरा हाल रे,

भाई को भाई रहा मार ओ भोले,

भाई को भाई रहा मार ओ भोले,

अपने भक्तो की सुनले,

पुकार ओ भोले,

अपने भक्तो की सुनले,

पुकार ओ भोले ॥


हाल कभी पूछ आके,

भोले तू गरीब का,

लिख्या सब ते न्यारा,

भाग क्या ते बदनसीब का,

रोटी देदे भूखा तो मत मार ओ भोले,

रोटी देदे भूखा तो मत मार ओ भोले,

अपने भक्तो की सुनले,

पुकार ओ भोले,

अपने भक्तो की सुनले,

पुकार ओ भोले ॥


पापियों के पाप धो धो,

गंगा मैली हो गई,

पापों से लड़ेगी कब तक,

ये पहेली हो गई,

तेरे बिना होगा ना उद्धार ओ भोले,

तेरे बिना होगा ना उद्धार ओ भोले,

अपने भक्तो की सुनले,

पुकार ओ भोले,

अपने भक्तो की सुनले,

पुकार ओ भोले ॥


आजा कलयुग में लेके,

अवतार ओ भोले,

अपने भक्तो की सुनले,

पुकार ओ भोले,

अपने भक्तो की सुनले,

पुकार ओ भोले ॥

मार्गशीर्ष माह में कब-कब पड़ेंगे प्रदोष व्रत?

हर माह की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। यह व्रत पूर्ण रूप से भगवान शिव और मां पार्वती को समर्पित है।

बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया - भजन (Brij Ke Nandlala Radha Ke Sanwariya)

बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया ।

गणपति तुम सब गण के राजा (Ganpati Tum Sab Gan Ke Raja)

गणपति तुम सब गण के राजा,
गणपति तुम सब गण के राजा,

फाल्गुन शुक्ल आमलकी नाम एकादशी व्रत (Falgun Shukal Aamlaki Naam Ekadashi Vrat)

एक समय अयोध्या नरेश महाराज मान्धाता ने प अपने कुल गुरु महर्षि वसिष्ठ जी से पूछा-भगवन् ! कोई अत्यन्त उत्तम और अनुपम फल देने वाले व्रत के इतिहास का वर्णन कीजिए, जिसके सुनने से मेरा कल्याण हो।

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