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अब मैं सरण तिहारी जी (Ab Main Saran Tihari Ji)

अब मैं सरण तिहारी जी,

मोहि राखौ कृपा निधान ॥


अजामील अपराधी तारे,

तारे नीच सदान ।

जल डूबत गजराज उबारे,

गणिका चढी बिमान ॥


अब मैं सरण तिहारी जी,

मोहि राखौ कृपा निधान ॥


और अधम तारे बहुतेरे,

भाखत संत सुजान ।

कुबजा नीच भीलणी तारी,

जागे सकल जहान ॥


अब मैं सरण तिहारी जी,

मोहि राखौ कृपा निधान ॥


कहँ लग कहूँ गिणत नहिं आवै,

थकि रहे बेद पुरान ।

मीरा दासी शरण तिहारी,

सुनिये दोनों कान ॥


अब मैं सरण तिहारी जी,

मोहि राखौ कृपा निधान ॥

अब मैं शरण तिहारी जी,

मोहि राखौ कृपा निधान ॥

हमने आँगन नहीं बुहारा (Hamne Aangan Nahi Buhara, Kaise Ayenge Bhagwan)

हमने आँगन नहीं बुहारा,
कैसे आयेंगे भगवान् ।

जिनके हृदय श्री राम बसे(Jinke Hridey Shri Ram Base)

जिनके हृदय श्री राम बसे,
उन और को नाम लियो ना लियो ।

श्री शनिवार व्रत कथा

एक समय समस्त प्राणियों का हित चाहने वाले मुनियों ने नैमिषारण्य बन में एक सभा की उस समय व्यास जी के शिष्य सूत जी शिष्यों के साथ श्रीहरि का स्मरण करते हुए वहाँ पर आये।

सात्विक मंत्र के क्या लाभ है?

सात्विक मंत्रों का जाप हमारे जीवन को सकारात्मकता और शांति से भर सकता है। ये मंत्र न केवल आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होते हैं, बल्कि मन की अशांति और नकारात्मक विचारों को भी दूर करते हैं।

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