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अजब है तेरी माया, इसे कोई समझ ना पाया - भजन (Ajab Hai Teri Maya Ise Koi Samajh Na Paya)

ऊँचे ऊँचे मंदिर तेरे,

ऊँचा तेरा धाम,

हे कैलाश के वासी भोले,

हम करते है तुझे प्रणाम ।


अजब है तेरी माया,

इसे कोई समझ ना पाया,

गजब का खेल रचाया,

सबसे बढ़ा है तेरा नाम,

भोलेनाथ भोलेनाथ भोलेनाथ ॥


अद्भुत है संसार यहाँ पर कई भूलेखे है,

तरह तरह के खेल जगत मे हमने देखे है,

तू है भाग्य विधाता तेरे लेख सुलेखे है,

तू लिखने वाला है ये सब तेरे लेखे है

अजबहै तेरी माया,

इसे कोई समझ ना पाया ॥


अजब है तेरी माया,

इसे कोई समझ ना पाया,

गजब का खेल रचाया,

सबसे बढ़ा है तेरा नाम,

भोलेनाथ भोलेनाथ भोलेनाथ ॥


पारब्रह्म परमेश्वर तू है हर कोई माने रे,

सब तेरे बालक है क्या अपने बेगान रे,

तू अंतर्यामी सबकी पीडा पहचाने रे,

सबके ही हृदय मे बैठा घट घट की जाने रे,

अजबहै तेरी माया,

इसे कोई समझ ना पाया ॥


अजब है तेरी माया,

इसे कोई समझ ना पाया,

गजब का खेल रचाया,

सबसे बढ़ा है तेरा नाम,

भोलेनाथ भोलेनाथ भोलेनाथ ॥


हे योगेश्वर योग से तुने जगत बनाया है,

तन पे तूने भस्म रमा के अलख जगाया है,

कही धुप के रंग सुनहरे कही पे छाया है,

तूने किया है वही जो तेरे मन को भाया है,

अजब है तेरी माया,

इसे कोई समझ ना पाया ॥


अजब है तेरी माया,

इसे कोई समझ ना पाया,

गजब का खेल रचाया,

सबसे बढ़ा है तेरा नाम,

भोलेनाथ भोलेनाथ भोलेनाथ ॥

माँ की दुआ बड़ी है(Maa Ki Dua Badi Hai)

लाख बार गिर कर मैं,
हर बार उठा हूँ,

कालाष्टमी की मंत्र जाप

कालाष्टमी पर्व भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव की शक्ति और महिमा का प्रतीक है। जब भगवान शिव के क्रोध से काल भैरव का जन्म होता है। काल भैरव समय के भी स्वामी हैं।

विवाह पंचमी की कथा क्या है

सनातन धर्म में विवाह पंचमी का दिन सबसे पवित्र माना गया है। क्योंकि यह वही दिन है, जब माता सीता और प्रभु श्री राम शादी के बंधन में बंधे थे। पंचांग के अनुसार, विवाह पंचमी का त्योहार हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मनाई जाती है।

नमो नमो शंकरा(Namo Namo Shankara)

जय हो, जय हो शंकरा
भोलेनाथ, शंकरा

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