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बैल की सवारी करे डमरू बजाये (Bail Ki Sawari Kare Damroo Bajaye)

बैल की सवारी करे डमरू बजाये

जग के ताप हरे सुख बरसाये

ॐ नमः शिवाये, ॐ नमः शिवाये


रचना रचा के आप खेले रे खिलाड़ी

कहीं पे बनावो राजा कहीं पे भिखारी

रोने लगा हार के वो जीत के हंसाये

जग के ताप हरे सुख बरसाये

बैल की सवारी करे..


बाघम्बर लपेटे वो पहने नागमाला

हाथों में त्रिशूल धरे नाम भोला-भाला

दीनों पे दयाल होके लक्ष्मी लुटाए

जग के ताप हरे सुख बरसाये

बैल की सवारी करे..


स्वर्ग से उतारी गंगा जटा में समाई

भगतों को तारने धरती पे आई

भाल नेत्र ज्वाला से वो पापों को जलाये

जग के ताप हरे सुख बरसाये

बैल की सवारी करे..


महादेव महादानी जग रखवाला

शरण में आये को कर दे निहाला

उसकी लीला कौन जाने उसके सिवाय

जग के ताप हरे सुख बरसाये

बैल की सवारी करे..


बैल की सवारी करे डमरू बजाये

जग के ताप हरे सुख बरसाये

ॐ नमः शिवाये, ॐ नमः शिवाये

चंद्र दर्शन शुभ मुहूर्त 2025

चंद्र दर्शन हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जो अमावस्या के बाद पहली बार चंद्रमा के दर्शन से जुड़ा हुआ है। इस दिन चंद्रदेव की पूजा-अर्चना की जाती है, जिससे मन की शांति, सौभाग्य और समृद्धि प्राप्त होती है।

आल्हा की ध्वजा नहीं आई हो मां (Aalha Ki Dhwaja Nahin Aayi Ho Maa)

तीन ध्वजा तीनों लोक से आईं
आल्हा की ध्वजा नहीं आई हो मां

कैला देवी चालीसा (Kaila Devi Chalisa)

जय जय कैला मात हे, तुम्हे नमाउ माथ ॥
शरण पडूं में चरण में, जोडूं दोनों हाथ ॥

गुरु प्रदोष व्रत से होंगे ये लाभ

गुरु प्रदोष व्रत को भगवान शिव की पूजा और विशेष रूप से बृहस्पति देव की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

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