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बम बाज रही भोले की, चारों दिशाएं - भजन (Bam Baj Rahe Bhole Ki Charo Dishaye)

बम बाज रही भोले की,

चारों दिशाएं,

बम बाज रही ॥


अरे कौना ने बो दए धतूरा,

अरे कौना ने बो दई भंगिया,

बम बाज रहीं भोले की,

चारों दिशाएं,

बम बाज रही ॥


मोरे भोला ने बो दए धतूरा,

गौरा रानी ने बो दई भंगिया,

बम बाज रहीं भोले की,

चारों दिशाएं,

बम बाज रही ॥


अरे कौना ने सींचे धतूरा,

अरे कौना ने सींच दई भंगिया,

बम बाज रहीं भोले की,

चारों दिशाएं,

बम बाज रही ॥


मोरे भोला ने सींचे धतूरा,

गौरा रानी ने सींच दई भंगिया,

बम बाज रहीं भोले की,

चारों दिशाएं,

बम बाज रही ॥


अरे कौना ने खा लई धतूरा,

कौना ने पी लई भंगिया,

बम बाज रहीं भोले की,

चारों दिशाएं,

बम बाज रही ॥


अरे नंदी ने खा लई धतूरा,

मोरे भोले ने पि लई भंगिया,

बम बाज रहीं भोले की,

चारों दिशाएं,

बम बाज रही ॥


बम बाज रही भोले की,

चारों दिशाएं,

बम बाज रही ॥

शबरी जंयती की पूजा विधि

शबरी जयंती सनातन धर्म में महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। हर साल माता शबरी के जन्मोत्सव के रूप में शबरी जयंती मनाई जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, शबरी जयंती फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाती है।

चैत्र माह की पौराणिक कथा

नवरात्रि का अर्थ नौ रातें होता है, जो हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह त्योहार साल में दो बार मनाया जाता है। चैत्र और शारदीय नवरात्रि। इस दौरान मां दुर्गा की पूजा आराधना की जाती है। उनके नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। चैत्र नवरात्र का खास महत्व है।

गोविन्द जय-जय, गोपाल जय-जय(Govind Jai Jai, Gopal Jai Jai)

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राधा-रमण हरि, गोविन्द जय-जय ॥ १ ॥

श्री राम जी का मंदिर बनाएंगे (Shree Ram Ji Ka Mandir Banayenge)

श्री राम जी का मंदिर बनाएंगे,
भगवा ध्वज लहरायेंगे,

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