नवीनतम लेख

बीच भंवर में फसी मेरी नैया (Beech Bhawar Mein Fasi Meri Naiya)

बीच भंवर में फसी मेरी नैया,

तुम्ही हो खिवैया माँ,

तुम्ही हो खिवैया ॥


तेरा ही भरोसा माँ,

तेरा ही सहारा,

तुम्ही को पुकारा माँ,

तुम्ही को पुकारा,

तेरे ही भरोसे पे,

चले मेरी नैया,

तुम्ही हो खिवैया माँ,

तुम्ही हो खिवैया ॥


बडी तेज आंधी,

तूफानों ने घेरा,

बता कुन है मेरा माँ,

यहाँ कुन है मेरा,

खड़ी क्या हुई के,

चली आ तू मैया,

तुम्ही हो खिवैया माँ,

तुम्ही हो खिवैया ॥


सुनी जब भगत की,

झट दौड़ी आई,

पतवार हाथों ले,

किनारे लगाई,

बडी ही दयालु है,

‘प्रवीण’ मेरी मैया,

तुम्ही हो खिवैया माँ,

तुम्ही हो खिवैया ॥


बीच भंवर में फसी मेरी नैया,

तुम्ही हो खिवैया माँ,

तुम्ही हो खिवैया ॥

मां दुर्गा की पूजा इस विधि से करें

मां दुर्गा का रूप शक्ति और वीरता का प्रतीक है। वे राक्षसों और असुरों से संसार को बचाने वाली देवी हैं। उनकी पूजा से व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और आत्मिक बल मिलता है।

सरस्वती अमृतवाणी (Saraswati Amritwani)

सुरमय वीणा धारिणी,
सरस्वती कला निधान,

वैशाख अमावस्या पर कैसे करें तर्पण

हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख मास की अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। इस तिथि को पितरों की शांति और मोक्ष के लिए उत्तम दिन माना जाता है। इस दिन किए गए तर्पण, पिंडदान और पूजा से पितृ प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं।

मेरा हाथ पकड़ ले रे, कान्हा (Mera Haath Pakad Le Re, Kanha)

मेरा हाथ पकड़ ले रे,
कान्हा दिल मेरा घबराये,

यह भी जाने