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भोले बाबा ने यूँ ही बजाया डमरू (Bhole Baba Ne Yuhi Bajaya Damru)

भोले बाबा ने यूँ ही बजाया डमरू,

सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया ॥


यहाँ ब्रह्मा चले वहाँ विष्णु चले,

माँ लक्ष्मी का मन भी मगन हो गया,

भोले बाबा ने यु ही बजाया डमरू,

सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया ॥


यहाँ सूरज चले वहाँ चंदा चले,

वहाँ तारो का मन भी मगन हो गया,

भोले बाबा ने यु ही बजाया डमरू,

सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया ॥


यहाँ राम चले सीता लक्ष्मण चले,

वहाँ हनुमत का मन भी मगन हो गया,

भोले बाबा ने यु ही बजाया डमरू,

सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया ॥


यहाँ कृष्ण चले वहाँ राधा चले,

वहाँ मीरा का मन भी मगन हो गया,

भोले बाबा ने यु ही बजाया डमरू,

सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया ॥


भोले बाबा ने यूँ ही बजाया डमरू,

सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया ॥

प्यारे हनुमान एक काम कर दे (Pyare Hanuman Ek Kaam Kar De)

राम के दुलारे एक काम कर दे,
प्यारे हनुमान एक काम कर दे,

कुंभ संक्रांति पौराणिक कथा

आत्मा के कारक सूर्य देव हर महीने अपना राशि परिवर्तन करते हैं। सूर्य देव के राशि परिवर्तन करने की तिथि पर संक्रांति मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान किया जाता है।

फागुन की रुत फिर से आई, खाटू नगरी चालो (Fagun Ki Rut Phir Se Aayi Khatu Nagri Chalo)

फागुन की रुत फिर से आई,
खाटू नगरी चालो,

मैं तो बांके की बांकी बन गई (Main Toh Banke Ki Banki Ban Gayi)

मैं तो बांके की बांकी बन गई,
और बांका बन गया मेरा,

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